शार्प वे न्यूज़ नेटवर्क
बिहार की राजनीति को लेकर बड़ी ख़बर आ रही है. बिहार में फिर से NDA की सरकार बनने के बाद सीएम नीतीश कुमार 7 फरवरी को दिल्ली जाएंगे. यहाँ पर वे दो दिनों तक रहेगें। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी , जे पी नड्डा, अमित शाह से मुलाकात करेगें। बिहार में महागठबंधन से अलग होकर फिर से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह से पहली मुलाकात होगी। इसके पहले शपथ वाले दिन पीएम और नीतीश कुमार के बीच टेलीफ़ोन पर बात हुई थी। नीतीश कुमार और पीएम मोदी के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर बाते होगी। शीट शेयरिंग से लेकर आगे की रणनीति पर भी बातें होगी।
इधर पटना में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष कोई मुकाबला नहीं कर पायेगा। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की जीत तय है। विपक्ष में ताकत नहीं बची है , नहीं कोई विज़न। विपक्ष एकजुट होने का महज नाटक कर रही है। पिछले अगस्त महीने में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के खिलाफ देश भर विपक्षी दलों को पहली बार एकजुट करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली से लौट आए थे । खबर थी कि वह विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात करेंगे लेकिन वह “अटल पथ” पर चलकर लौट आए। राहुल गांधी से मुलाकात की भी चर्चा थी लेकिन नीतीश कुमार उनसे बिना मिले ही पटना आ गए।
12 फरवरी को बिहार की NDA सरकार का फ्लोर टेस्ट
बिहार में एनडीए की सरकार बन चुकी है. ऐसे में 12 फरवरी को नई सरकार को फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा. बिहार विधानमंडल का सत्र 10 फरवरी से शुरू हो रहा है. बिहार के 9वीं बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा. इसके लिए 12 फरवरी की तारीख तय की गई. हालांकि इस फ्लोर टेस्ट के दौरान सरकार को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी की उम्मीद की जा रही है, क्यों सरकार बनाने के लिए एनडीए के पास पर्याप्त बहुमत की स्थिति दिख रही है
एक्शन मोड में नीतीश , चार आयोगों के सभी अध्यक्षों और सदस्यों को पद से हटाया
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी एनडीए की नई सरकार प्रशासनिक स्तर पर लगातार बदलाव कर रही है. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए चार आयोगों के सभी अध्यक्षों और सदस्यों को पद से हटा दिया है. इसके अलावा वो आयोग भी भंग कर दिए गए हैं जिन आयोगों को भंग कर दिया गया है उसमें अतिपिछड़ा आयोग, महादलित आयोग, राज्य अनुसूचित जाति आयोग और राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग का नाम शामिल हैं. इन सभी आयोगों के सभी सदस्यों को तत्काल प्रभाव से पद मुक्त कर दिया गया है. इसके पहले सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों को हटा दिया गया था और इसके अलावा 20 सूत्री कमिटी भी भंग कर दी गई थी