मुन्ना शर्मा
बिहार के सियासी हलचल के बीच कल यानि सोमवार को सातवीं बार नीतीश कुमार बिहार के 37वें मुख्यमंत्री रूप में शपथ लेंगे. आज पटना में एनडीए में शामिल सभी चार घटक दलों के नेताओं की बैठक मुख्यमंत्री के आवास पर हुई. इस बैठक में राजनाथ सिंह के अलावा हम प्रमुख और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, मुकेश सहनी भी शामिल हुए. विधानमंडल दल की बैठक में नीतीश कुमार का नाम तय हुआ और इस बात पर मुहर तब लगी.
जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मिलकर बिहार में नई सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. अब कल शाम 4:30 बजे नीतीश कुमार लगातार 7वीं मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. नीतीश के साथ हम पार्टी के मुखिया जीतनराम मांझी, वीआईपी पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी भी राज्यपाल से मिले. इसके साथ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय भी नीतीश के साथ राजभवन पहुंचे.
पटना में एनडीए के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि मैं तो चाहता था कि इस बार बिहार का मुख्यमंत्री भाजपा का बने लेकिन बीजेपी के ही लोगों ने मुझसे मुख्यमंत्री बनने को लेकर आग्रह किया. रविवार को पटना में कई बैठकें हुईं. एनडीए की बैठक के दौरान विधानमंडल के नेता के तौर पर सुशील मोदी के नाम का ऐलान किया गया. नीतीश कुमार के आवास पर एनडीए की बैठक के बाद उनके ही नेतृत्व में एक शिष्टमंडल रविवार को गवर्नर हाउस पहुंचा जहां सभी ने मिलकर सरकार बनाने का दावा किया. नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार गठन का दावा पेश किया और 126 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा.
कब -कब बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार
नीतीश कुमार सातवीं बार राज्य की सत्ता की अगुआई करेंगे और मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
1- पहली बार नीतीश कुमार सबसे पहले 3 मार्च 2000 में मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन बहुमत न होने के कारण सात दिन बाद उनकी सरकार गिर गई थी
2- दूसरी बार नीतीश कुमार ने 24 नवंबर 2005 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
3- तीसरी बार 26 नवंबर 2010 को नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे.
4-चौथी बार नीतीश कुमार 22 फरवरी 2015 को मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ लिए थें.
5- पांचवी बार नीतीश कुमार राजद के साथ गठबंधन में 20 नवंबर 2015 को मुख्यमंत्री बने थे.
6- छठी बार आरजेडी से गठबंधन टूटने के बाद बीजेपी के साथ एनडीए के गठबंधन में 27 जुलाई 2017 को मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार शपथ लिया था.
उपमुख्यमंत्री के नाम पर अभी भी संशय बरकरार है।
एनडीए विधानमंडल दल की बैठक में सुशील कुमार ने जो भाषण दिया वह विदाई भाषण कहा जा सकता है। मोदी ने अपनी भाषण में कहा की -पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है, नेता प्रतिपक्ष बनाया, उप मुख्यमंत्री बनाया विधानमंडल दल का नेता बनाया, लेकिन इस बार मैं चाहता हूं कि कोई चुना हुआ विधायक ही विधानमंडल दल का नेता हो और खुद सुशील कुमार मोदी ने ही तार किशोर प्रसाद का नाम विधानमंडल दल के नेता के रूप में प्रस्तावित किया ,जिस पर प्रेम कुमार और नंदकिशोर यादव ने समर्थन किया. दूसरी तरफ विधानमंडल दल के उप नेता के नाम रेणु देवी का प्रस्ताव विजय सिन्हा ने किया जिसका समर्थन संजय सरावगी ने किया. किस दल का कौन मंत्री होगा कितना मंत्री होगा यह भी अभी स्पष्ट नहीं है. भाजपा से कौन कौन कितने मंत्री फिलहाल शपथ लेंगे या उप मुख्यमंत्री कौन होगा इसको लेकर सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद जब नीतीश कुमार सीएम आवास पहुंचे ,उसके बाद एक बार फिर से बिहार भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव और देवेंद्र फडणवीस के साथ एक बार फिर से बैठक चल रही है. जिसमें उपमुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों की संख्या और नाम भी तय किए जाने हैं।