पटना : विशेष संवाददाता
नीतीश कुमार की उम्र अब ढलान पर है. कई मौके आये जब उनकी जुबान फिसली ,जिसको लेकर हंगामा भी हुआ. आम लोगों की नजर में जो नीतीश कुमार पहले थे, वो अब वैसे दिख नहीं रहे हैं. प्रशासन पर कमजोर हो रही पकड़ और मुख्यमंत्री की कुर्सी और पार्टी (जदयू) को बचाने के लिए वर्तमान में नीतीश संघर्ष करते नजर आ रहे हैं. जदयू में नीतीश के बाद दूसरा कोई बड़ा नेता नहीं बन पाया कि पार्टी आगे उनके नाम पर बढ़ सके. पार्टी में अगर नीतीश कुमार हैं, तो ठीक वर्ना नेतृत्व आगे कौन करेगा इसको लेकर अब चर्चा तेज है.
लालू यादव ने अपने बेटे तेजस्वी यादव और रामविलास पासवान ने अपने बेटे चिराग को स्थापित कर दिया, लेकिन नीतीश कुमार ने अब तक अपने पुत्र निशांत को राजनीति में नहीं लाया है. उम्र के अंतिम पड़ाव पर अब नितीश कुमार कमजोर पर रहे हैं, तो क्या वे अब अपने बेटे निशांत को जदयू में ला रहे हैं. जदयू और नीतीश कुमार के परिवार, रिश्तेदार और जनता के स्तर पर अब ये आवाज उठ रही है कि अब नीतीश कुमार को अपने बेटे को पार्टी की कमान सौंप देनी चाहिए. निशांत अभी अविवाहित हैं. नीतीश कुमार चाहते हैं निशांत शादी कर लें.
सवाल उठा है कि वंशवाद की राजनीति की आलोचना करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्या अपने बेटे निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री करवाएंगे! देश की बात करें तो मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलश यादव, करूणानिधि के बेटे एम के स्टालिन, लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव, रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने राजनीतिक विरासत को संभाला है. इसी कड़ी में अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके बेटे निशांत का नाम भी चर्चाओं में शामिल हो गया है. आपको बता दें कि नीतीश कुमार, जो समाजवादी राजनीति के आधार स्तंभ माने जाते हैं, लंबे समय से परिवारवाद के खिलाफ मुखर रहे हैं, लेकिन हालिया घटनाओं ने इस विमर्श को पुनर्जीवित कर दिया है कि क्या उनके बेटे निशांत कुमार जेडीयू के स्वाभाविक उत्तराधिकारी बनेगें ?
जानिए अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, चिराग की तुलना में कहाँ है निशांत
नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार एक शांत और निजी जीवन जीने वाले युवक हैं. उन्होंने प्रतिष्ठित बीआईटी मेसरा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और अपनी रुचि आध्यात्मिकता में दिखाई. अभी तक राजनीति में उनकी कोई सक्रिय भागीदारी नहीं रही है. पिछले दिनों निशांत बाढ़ में स्वतंत्रता सेनानियों के मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में उन्होंने पिताजी को वोट करने की अपील की. तो क्या निशांत वाकई राजनीति में आने की योजना बना रहे हैं. आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने खुद कभी अपने बेटे को राजनीति में लाने की इच्छा जाहिर नहीं की. नीतीश कुमार की राजनीतिक शैली ने उन्हें अलग पहचान दिलाई है. सवाल ये कि उनकी विरासत को कौन संभालेगा ? अगर निशांत राजनीति में आते हैं, तो यह जेडीयू के भविष्य को नया आकार देगा, लेकिन अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि वह अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभालेंगे.
खतरे में हैं नीतीश कुमार का अस्तित्व
लगभग आठ महीने बाद बिहार विधान सभा चुनाव होना है. इस दफे नीतीश कुमार का अस्तित्व खतरे में हैं. बीजेपी के साथ गठबंधन तो है, लेकिन अगर चुनाव में जदयू को सीटें कम आती है, तो मुख्यमंत्री बीजेपी का हो सकता है. तो क्या नीतीश कुमार कि राजनीति का अब अंत हो रहा है. बढ़ती उम्र, बीजेपी का दबाब, पार्टी पर कमजोर पकड़ से नीतीश कुमार अब कमजोर नेता नजर आ रहे हैं.
निशांत की सियासी एंट्री होली के बाद हो जाएगी
नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के नेता और नीतीश कुमार के करीबी रिश्तेदारो का भी इसको लेकर दबाव बढने लगा है. नीतीश कुमार पर परिवार और पार्टी के लोगो का यह दबाव भी इसलिये है कि जब लालू का यादव बेटा तेजस्वी यादव और रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान अपनी पिता की विरासत को संम्भाल सकते हैं, तो नीतीश कुमार के बेटे निशांत को राजनीति में आने और अपने पिता की विरासत को क्यों नहीं संभाल सकते हैं. नीतीश कुमार के करीबी रिश्तेदार अवधेश कुमार ने पटना में कहा की नीतीश कुमार के बेटे निशांत की सियासी एंट्री होली के बाद हो जाएगी.
