नीतीश कुमार ने राज्यपाल को इस्तीफा दिया, एनडीए से निकली जेडीयू, महागबंधन के साथ नई सरकार बनाने के लिए 160 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा

Bihar Politics : Nitish Kumar Regine

पटना : उमेश नारायण मिश्र

बिहार में राजनीतिक घटना अपने चरम पर पहुंच गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया, यानी एनडीए से जेडीयू निकल गई और अब महागबंधन के साथ नई सरकार बनाने के लिए नीतीश कुमार ने 160 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा दिया. इस तरह से बीजेपी-जेडीयू सरकार का अंत हो गया है.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार की शाम राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा दे दिया और साथ ही उन्होंने महागठबंधन के 160 विधायकों की समर्थन पत्र भी राज्यपाल को सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. अब नई सरकार में भी नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे. आरजेडी को उप मुख्यमंत्री के साथ अन्य मंत्रीपद मिलेगा. यानी जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस एक बार फिर से बिहार में सत्ता पर काबिज होंगे.

बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज, मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात करके अपना इस्तीफा सौंप दिया है. उन्होंने राज्यपाल से मिलने के लिए शाम चार बजे का समय मांगा था, लेकिन वो राजभवन करीब 20 मिनट पहले ही पहुंच गए. उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थक भी राजभवन के सामने खड़े थे. बताया जा रहा है कि इस्तीफा देने के साथ नीतीश कुमार ने महागठबंधन के 160 विधायकों के साथ सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. बताया जा रहा है कि बुधवार को नयी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है.

बिहार में क्यों टूटा बीजेपी जेडीयू गठबंधन की सरकार ?

बीजेपी और जेडीयू नेताओं के बीच शुरू से ही वाद-विवाद का दौर चलता रहा. ताजा मामले में जेडीयू ने अपने पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह पर बेहिसाब संपत्ति अर्जित करने को लेकर नोटिस जारी किया और उसके बाद जिस तरह से आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार और जेडीयू के दूसरे नेताओं पर जिस तरह से हमला किया उसके बाद साफ हो गया कि आरसीपी सिंह बीजेपी की शह पर सारा खेल कर रहे थे. नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में भी बीजेपी महाराष्ट्र के शिवसेना की तरह जेडीयू को तोड़ना चाह रही थी, लेकिन समय रहते उनको इसका पता चल गया और आरसीपी सिंह दूसरे एकनाथ शिंदे बनते उससे पहले ही पार्टी ने उनपर एक्शन ले लिया.

केंद्र की राजनीति पर आगे क्या असर होगा ?

बिहार आने वाले समय में राजनीतिक सता का केन्द्र हो सकता है. नीतीश कुमार तीसरे मोर्चे के सर्वमान्य नेता हो सकते हैं. 2024 के लोकसभा चुनावों में नीतीश कुमार बीजेपी के लिए सबसे बडी चुनौती हो सकते हैं, क्योंकि बिहार की सत्ता आरजेडी को सौंप कर नीतीश कुमार केंद्र में पीएम उम्मीदवार के सर्वमान्य नेता के रूप में खुद को प्रस्तुत कर सकते हैं.

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