डॉ. निशा सिंह
बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि ये उनका आखिरी चुनाव है. नीतीश कुमार पूर्णिया में जनसभा को संबोधित करते हुए बोले कि आज चुनाव का आखिरी दिन है और परसों चुनाव है, यह मेरा अंतिम चुनाव है, अंत भला तो सब भला.
1977 में नालंदा के हरनौत से नीतीश कुमार ने अपना पहला चुनाव लड़ा था. यहां से नीतीश कुमार चार बार चुनाव लड़े, जिसमें उन्हें 1977 और 1980 में हार मिली, जबकि 1985 और 1995 के चुनाव में वो विजयी हुए. उन्होंने साल 2004 में अपना आखिरी चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें नालंदा से जीत हासिल हुई थी. उसके बाद से नीतीश कुमार ने कोई चुनाव नहीं लड़ा.
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नीतीश कुमार ने साल 1972 में बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई की. उन्होंने कुछ समय तक बिहार स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में नौकरी भी की. लेकिन जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया जैसे नेताओं के संपर्क में आने के बाद नीतीश कुमार राजनीति में सक्रिय हो गए और फिर राजनीति के होकर ही रह गए.
पिछले 16 सालों से नीतिश कुमार ने नहीं लड़ा है चुनाव
नीतीश कुमार 6 बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं. नालंदा से सांसद रहे नीतीश कुमार नवंबर 2005 में NDA के प्रदेश में सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री बने थे. उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा देकर बिहार विधान परिषद की सदस्यता ग्रहण की थी. नीतीश कुमार पिछले 15 साल से सत्ता पर काबिज हैं और जेडीयू के कद्दावर नेता हैं.
बिहार चुनाव के तीसरे चरण में शनिवार को 78 सीटों पर 1208 उम्मीदवार अपना किस्मत आजमा रहे हैं. तीसरा और आखिरी चरण नीतीश कुमार के लिए सबसे खास माना जा रहा है, क्योंकि उनकी कैबिनेट के सबसे ज्यादा मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. तीसरे चरण में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, विपक्ष के कद्दावर नेता अब्दुलवारी सिद्दिकी और रमई राम जैसे दलित नेताओं की किस्मत का फैसला इसी चरण में होना है.
फिलहाल सरकार के 31 मंत्रियों में 26 विधानसभा के सदस्य हैं और इनमें से 24 मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और सूचना मंत्री नीरज कुमार विधान परिषद के सदस्य हैं जबकि मंत्री अशोक चौधरी के एमएलसी का कार्यकाल पूरा हो चुका है. बिहार चुनाव के पहले चरण में आठ और दूसरे चरण में चार मंत्री चुनाव मैदान में थे. अब तीसरे चरण में करीब एक दर्जन मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें 8 जेडीयू और चार बीजेपी के मंत्री हैं.
नीतिश कुमार के ऐलान पर नेताओं की क्या प्रतिक्रिया
चिराग पासवान : साहब ने कहा है कि यह उनका आख़िरी चुनाव है. इस बार पिछले 5 साल का हिसाब दिया नहीं और अभी से बता दिया की अगली बार हिसाब देने आएँगे नहीं. अपना अधिकार उनको ना दें जो कल आपका आशीर्वाद फिर माँगने नहीं आएँगे. अगले चुनाव में ना साहब रहेंगे ना जेडीयू, फिर हिसाब किससे लेंगे हम लोग ?
रणदीप सुरजेवाला : अगर उन्हें हार न दिख रहा होता तो पहले ही घोषणा करते. मजदूरों को बिहार में वापस आने से अहंकारी नीतीश कुमार ने रोका था, कहा था कि वापस आने वाले लोग कोरोना फैला रहे हैं. नीतीश जी अपनी अच्छी बाते महागठबंधन के उम्मीदवार को बताएं, बुरी बातें भाजपा को बताएं. दो हारी हुई पार्टियां बिहार के लोगों को भ्रम में डाल रहे हैं. महागठबंधन की जीत की खुशबू ने उड़ाए भाजपा-जदयू के ‘तोते’ नीतीश बाबू की ‘निराशा’ और महागठबंधन की ‘आशा’ है बड़े बदलाव का सूचक “टायर्ड व रिटायर्ड” नीतीश सरकार ने की रिटायरमेंट स्वीकार – अब आगे बढ़ेगा बिहार.