नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार : भाजपा आज अपने कोटे के नए मंत्रियों के नामों की सूची सौंपेगी

NitishCabinetExpansion

डॉ. निशा सिंह

बिहार से लेकर दिल्ली में नीतीश कुमार मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हलचल तेज है. बिहार में एक-दो दिन के अंदर कैबिनेट विस्‍तार हो सकता है. भाजपा आज शाम तक सीएम नीतीश को अपने कोटे के नए मंत्रियों के नामों की सूची सौंप सकती है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि इन नामों पर केंद्रीय नेतृत्‍व ने मुहर लगा दी है. भाजपा के बिहार प्रदेश अध्‍यक्ष डॉ.संजय जायसवाल और संगठन महामंत्री नागेन्‍द्र नाथ ने इसके लिए दिल्‍ली में डेरा डाला है. बिहार भाजपा के प्रभारी और राष्‍ट्रीय महामंत्री भूपेन्‍द्र यादव और केंद्रीय मंत्री नित्‍यानंद राय से सलाह मशविरे के बाद केंद्रीय नेतृत्‍व ने भाजपा कोटे के नए मंत्रियों के नाम फाइनल कर दिए हैं. आज बुधवार को इन नामों की सूची सीएम नीतीश कुमार को सौंप दी जाएगी.

नीतीश कैबिनेट के विस्‍तार में हो रही देरी को लेकर बिहार में पिछले कुछ दिनों से सियासी हलचल तेज है. पिछले दिनों सीएम नीतीश ने कहा था कि वह तो पहले ही विस्‍तार करना चाहते हैं. विस्‍तार होगा, लेकिन कब होगा यह तय नहीं है. इसके बाद यह लग रहा था कि देरी भाजपा की ओर से हो रही है. लेकिन अब भाजपा ने अपनी तैयारी कर ली है. 18 जनवरी को पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष डॉ. संजय जायसवाल इस सिलसिलेे में दिल्‍ली पहुंचे. मंगलवार शाम तक पार्टी ने अपने कोटे के मंत्रियों के नाम तय कर लिए हैं. अब डॉ.संजय जायसवाल और उपमुख्‍यमंत्री तारकिशोर प्रसाद यह सूची सीएम नीतीश को सौंप देंगे.

सुशील मोदी के राज्‍यसभा में जाने के बाद बिहार की सियासत में भाजपा नई टीम खड़ी करने के लिए प्रयासरत है. इस बार जद यू के मुकाबले उसकी काफी ज्‍यादा सीटें आई हैं सो सरकार में उस पर जद यू का पहले जैसा दबाव नहीं है. भाजपा की यह नई टीम सीएम नीतीश की अगुवाई में सरकार तो चलाएगी लेकिन किसी प्रकार के दबाव से मुक्‍त होगी. शाहजनवाज हुसैन को विधान परिषद में भेजकर पार्टी नेतृत्‍व ने इसके संकेत भी दे दिए हैं. नीतीश सरकार के कै‍बिनेट विस्‍तार में भाजपा के किन युवा और अनुभवी नेताओं को मौका मिलता है इस पर सभी की निगाहें हैं. ये नेता सरकार में भाजपा का चेहरा होंगे और बिहार की सियासत में पार्टी के आधार को और मजबूत बनाने में अपनी भूमिका निभाएंगे.

बिहार में गठबंधन में अभी कई मौकों पर भाजपा सीएम नीतीश की पार्टी जेडीयू के साथ समझौता करती नजर आती थी, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार, भाजपा अनुभवी के बाद अब युवा नेताओं को सरकार में नेतृत्व देकर संतुलन कायम करने की कोशिश करेगी. हालांकि, कैबिनेट विस्तार के कुछ वरिष्ठ नेताओं को मौका देने के साथ ही जातीय समीकरण को भी साधने की पूरी तैयारी होगी.

बिहार कैबिनेट में 22 और मंत्री बनाए जाएंगे

बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार को बने दो महीने हो चुके हैं लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया है. इसकी एक बड़ी वजह है इस बार जिस तरह का जनादेश आया है, उसके लिहाज से मंत्रिमंडल में बीजेपी बड़े भाई की भूमिका चाहती है, जिस पर जेडीयू राजी नहीं है और वो 50-50 का फॉर्मूले चाह रही है.

बिहार विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने के बाद 16 नवंबर, 2020 को नीतीश कुमार ने 14 मंत्रियों के साथ शपथ लेकर कैबिनेट गठन किया था. बीजेपी के 7 और जेडीयू के 5, लेकिन मेवालाल चौधरी के इस्तीफे के बाद 4 मंत्री ही बचे, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के 1 और वीआईपी से एक विधायक को मंत्री बनाया गया था.

बिहार के 243 सदस्यों के विधानसभा में 15 फीसदी सदस्य मंत्री बनाए जा सकते हैं. इस लिहाज से बिहार में मुख्यमंत्री सहित कुल 36 मंत्री ही बन सकते हैं. इस बार बिहार चुनाव में एनडीए को 125 सीटें मिली हैं, जिनमें सबसे ज्यादा बीजेपी को 74 सीटें मिली हैं. वहीं, जेडीयू को 43 हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को चार और विकास इंसाफ पार्टी को चार सीटें मिली हैं. ऐसे में विधायकों की संख्या के हिसाब से मंत्री पद के बंटवारे के फॉर्मूला की बात कही जा रही थी. नीतीश के नेतृत्व वाली पिछली एनडीए- 2 में जदयू के कोटे में मुख्यमंत्री को मिलाकर 22 विधायक मंत्री थे तो बीजेपी में उपमुख्यमंत्री समेत 13 विधायक ही मंत्री बने थे. इसके पीछे एक बड़ी वजह यह रही कि जेडीयू के विधायकों की संख्या 71 थी जबकि बीजेपी के विधायकों की संख्या 54 थी. हालांकि, इस बार उलटा है कि बीजेपी के 74 विधायक हैं और जेडीयू के 43 है. इस लिहाज से बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में है और जेडीयू से अधिक कैबिनेट मंत्री चाहती है.

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