ब्रिटेन की हरी झंडी मिली : घोटाला के आरोपी नीरव मोदी जल्द भारत लाया जाएगा

विशेष संवाददाता

भारत के भगोड़े हीरा काराबोरी नीरव मोदी को भारत लाए जाने का रास्ता साफ हो गया है. भारत की प्रत्यर्पण की मांग पर ब्रिटेन की गृह मंत्री ने मंजूरी दे दी है. ब्रिटेन की होम मिनिस्टर प्रीति पटेल ने नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किए के फैसले पर मुहर लगा दी है. इससे पहले लंदन की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण पर सहमति जताई थी और उसकी सभी दलीलों को खारिज करते हुए कहा था कि उसका भारत की जेल में ख्याल रखा जाएगा. आपको बता दें कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के भारत दौरे से पहले यूके के गृह विभाग ने दी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की मंज़ूरी मिली है.

नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर 14 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक के लोन की धोखाधड़ी का आरोप है. यह धोखाधड़ी गारंटी पत्र के जरिए की गई. उस पर भारत में बैंक घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दो प्रमुख मामले सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज किए हैं. इसके अलावा कुछ अन्य मामले भी उसके खिलाफ भारत में दर्ज हैं. सीबीआई और ईडी के अनुरोध पर ब्रिटेन से उसका प्रत्यर्पण अगस्त, 2018 में मांगा गया था.

भारत से भागने वाले नीरव मोदी इस समय लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद है. प्रत्यर्पण से बचने के लिए नीरव मोदी ने कोर्ट में कहा था कि वह मानसिक रूप से बीमार है. साथ ही उसने भारत की जेल में सुविधाएं न होने का दावा किया. हालांकि, कोर्ट ने नीरव मोदी की इन दलीलों को खारिज कर दिया था. भारत लाए जाने के बाद नीरव मोदी किस जेल में रहेगा और कितने नंबर बैरक में रहेगा, उसके आने से पहले ही यह फाइनल हो चुका है. नीरव मोदी को सलाखों के पीछे बंद करने के लिए मुंबई की आर्थर रोड जेल ने एक विशेष सेल तैयार रखा है. उसे बैरक नंबर 12 में मौजूद तीन सेलों में से एक में रखा जाएगा. बता दें कि ऑर्थरल जेल का यह 12 नंबर बैरक काफी हाई सिक्योरिटी वाला बैरक है.

25 फरवरी को कोर्ट ने नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दे दी थी

यूके की एक अदालत ने भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दे दी थी. भारत के 14,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में नीरव मोदी मुख्य आरोपी है. अदालत ने कहा कि नीरव मोदी को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत थे. वेस्टमिंस्टर कोर्ट के जज सैमुअल गुज्जी ने कहा कि नीरव मोदी और अन्य साजिशकर्ताओं के बीच संबंध थे. इसमें पीएनबी बैंक के अधिकारी भी शामिल हैं. “मैं यह स्वीकार नहीं करूँगा कि नीरव मोदी कानूनन व्यापार कर रहे थे. मैंने ईमानदारी का एक भी सौदा नहीं देखा है. इस प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ है.” कोर्ट ने कहा कि “पहली नजर में नीरव मोदी के खिलाफ वित्तीय कदाचार का मामला है. नीरव मोदी, निहाल मोदी, मिहिर भंडारी, शेट्टी और जोशी का रिश्ता था. उनका आचरण ईमानदार नहीं था.”

अदालत ने मोदी के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि राजनीतिक दबाव और मीडिया के कारण भारत में न्याय नहीं होगा. अदालत ने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि भारतीय राजनेता सुनवाई को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) पर 14,000 करोड़ रुपये का चूना लगाने के बाद नीरव मोदी लंदन भाग गया था. भगोड़े को मुंबई की एक विशेष अदालत ने वित्तीय अपराधी घोषित किया था. वाइन टाइकून विजय की जीत के बाद वाणिज्यिक आर्थिक अपराध अधिनियम के तहत मोदी को दूसरा भगोड़ा वित्तीय अपराधी घोषित किया गया.

Jetline

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *