डॉ. निशा कुमारी
देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रहे रेप केस से लोग में गुस्सा और आक्रोश है. इस बीच राजस्थान के डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव ने कहा कि अब संपत्ति विवाद या आपसी विवाद को निपटाने के लिए भी दुष्कर्म के भी क्रास केस दर्ज हो रहे हैं, जो कि नया ट्रेंड बन रहा है. पीड़ित को भी न्याय मिलने में देरी होती है.
डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव ने कहा कि इंटरनेट पर अपराधिक और एडल्ट सामग्रियां भी काफी मात्रा में प्रसारित हो रही हैं. यह पूरी तरह वर्जित है. हमने अपने स्तर पर दर्जनों साइटों को हटाया है, लेकिन इसके बाद भी नई-नई साइट बन जाती है. ऐसे अपराधिक और एडल्ट सामग्री वाली वेबसाईटों पर पुलिस विभाग पूरी तरह नियंत्रण करने की कोशिश में लगा है.
डीजीपी ने कहा कि राजस्थान में हिंसक अपराध बढ़ रहे हैं. इसके कई कारण है, जैसे- जनसंख्या, बेरोजगारी और इंटरनेट का अधिक इस्तेमाल करना. पुलिस इस बात पर जोर दे रही है कि बच्चों को ज्यादा शिक्षित किया जाए और समझाया जाए कि इंटरनेट का उपयोग सकारात्मक कार्यों के लिए करें.
राजस्थान में साइबर क्राइम को रोकने के लिए नई कार्ययोजना बनाई जा रही है और इसके लिए नई सेल का गठन किया गया है. इस सेल में बाहर के साइबर विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है. अब राजस्थान में सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले अपराधों की लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी. इससे राज्य में निश्चित रूप से सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले अपराधों पर लगाम लगेगा. डीजीपी ने हाथरस रेप केस के संदर्भ में राजस्थान में होनेवाले अपराधों को लेकर यह बयान दिया है.
क्या है हाथरस केस ?
यूपी के हाथरस में 14 सितंबर को एक दलित महिला का सामूहिक रेप और मारपीट की घटना हुई थी, जिसमें बाद अस्पताल में पीड़िता ने दम तोड़ दिया था. इस केस को लेकर पूरे देश में विरोध होने लगा और विपक्षी पार्टियों ने सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरु कर दिया. यूपी सरकार ने इस केस में त्वरित कार्रवाई न करने और बयानबाजी करने के खिलाफ पुलिस के आला अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया. योगी सरकार ने पहले एसआईटी जांच क आदेश दिया और फिर हंगामा न थमते देखकर सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी. ऐसे में देश भर में विधि-व्यवस्था और अपराध को लेकर बहस छिड़ गई है.