न्यूज डेस्क
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के रिडेवलपमेंट के लिए रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन बिड खोल दिया गया है. इसमें देश- विदेश की कुल 9 कंपनियों ने हिस्सा लिया है. भाग लेने वाले कंपनियों में जीएमआर और अडानी ग्रुप भी शामिल है. सबसे ख़ास बात यह है कि इतने प्राइवेट प्लेयर्स ने देश के कई एयरपोर्ट को लेकर भी दिलचस्पी नहीं दिखाई है, जितना इस प्रोजेक्ट में दिखा रही हैं. 6500 करोड़ के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन रिडेवलपमेंट प्रोजेस्ट को रेलवे ने पीपीपी मॉडल में पूरा करवाने की योजना बनाई है. इसके बनने से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन 5 स्टार होटल की तरह शानदार और और कनॉट प्लेस को टक्कर देने वाला बाज़ार जैसा हो जाएगा. पटरियों के उपर होगा सड़कों का जाल बिछाया जाएगा, जिससे जाम से भी मिलेगी मुक्ति मिलेगी.
इस परियोजना में डेवलपर की जमकर कमाई होगी जिसमें, 60 साल के लिए के लिए रियल एस्टेट राइट्स से मिलने वाली कमाई भी शामिल है. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन एरिया में 40 मंज़ील उंचा टावर बनाया जाएगा, जिसमें ऑफ़िस, 5 स्टार होटल और शॉपिंग कॉम्पलेक्स तैयार किया जाएगा. नई दिल्ली के ख़ास मार्केट कनॉट प्लेस से पास होने की वजह से इसे कनॉट प्लेस को टक्कर देने वाला भी बनाया जाएगा. इसमें सबसे ख़ास बात ये होगी कि इस योजना में नई दिल्ली स्टेशन की पहली मंज़ील पूरी तरह सड़क के लिए होगी, जिससे सड़कों का यह जाल पूरे इलाके को ट्रैफ़िक जाम से फ्री कर देगा.
ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी
पूरे इलाके को विकसित करने की योजना इस तरह बनाई गई है कि यहां कभी ट्रैफिक जाम न हो और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के मुसाफिरों या ट्रेन ऑपरेशन पर भी कोई फर्क न पड़े. यहां 6 लेन हाईवे के अलावा 4 फ्लाईओवर भी बनाए जाएंगे. इससे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के चारों ओर से आने वाली गाड़ियों को ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी और स्टेशन या पटरियों की वजह से कटे इलाके सड़कों से सीधे जुड़ जाएंगे. योजना से मुताबिक यहां स्टेशन के उपर पहली मंज़ील पर केवल सड़कों का जाल होगा. इसके इस्तेमाल रेलवे स्टेशन आने वाले कर सकेंगे और बाक़ी गाड़ियां बिना रूके पार हो सकेंगी. इस परियोजना में 4 और 6 लेन की सड़कें कनॉट प्लेस को सीधा पहाड़गंज और आसपास के इलाकों से जोड़े देगी ताकि यह पूरा इलाका ट्रैफ़िक फ्री हो सके. यहां पैदल चलने वालों से लेकर साइकिल कार और बसों से लिए भी लेन और सड़कें तैयार की जाएंगी.
परियोजना में भाग लेने वाली कंपनियां
इस परियोजना में जिन कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है उनके नाम हैं. अरबियन कंस्ट्रक्शन कंपनी, अदानी रेलवे ट्रांसपोर्ट लिमिटेड, बीआईएफ़ IV इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर होल्डिंग (डीआईएफ़सी) प्राइवेट लिमिटेड, आईएसक्यू एशिया इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट्स पीटीई लिमिटेड, एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट्स होल्डिंग्स लिमिटेड,कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड,जीएमआर हाईवेज लिमिटेड, ओमैक्स लिमिटेड और
एल्पिस वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड.
बिड के अगले चरण में अब इन कंपनियों की तकनीकी जांच की जाएगी और सबसे बेहतर कंपनियों को आगे बिड में बोली लगाने की परमिशन दी जाएगी. रेलवे इस प्रोजेक्ट को पीपीपी मोड में पूरा करवाएगी. इस पूरे प्रोजेक्ट पर शुरुआती ख़र्च 6500 करोड़ आने का अनुमान लगाया गया है और उम्मीद की जा रही है कि यह प्रोजेक्ट 4 साल में पूरा हो जाएगा. इसके बन जाने से भारत का एक रेलवे स्टेशंस सुविधाओं के मामले में इंटरनेशनल स्टेशंस को टक्कर देनेवाला बन जाएगा.