दिल्ली : डॉ निशा सिंह
नए साल 2025 में बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की ताजपोशी होगी. नए अध्यक्ष की रेस में भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान और मनोहर लाल खट्टर का नाम अभी तक सामने आ रहा है. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक जनवरी के अंत तक या फरवरी में नए अध्यक्ष की घोषणा हो जाएगी.
नए अध्यक्ष के सामने 2025-2026 यानि दो साल में बिहार, बंगाल और तमिलनाडु विधान सभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने की चुनौती होगी. नए अध्यक्ष के सामने चुनौती बड़ी होगी. इसका कारण कि 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी अपने 400 सीट जीतने के टारगेट से चूक गयी थी और बहुमत से पीछे रह गयी, वजह सहयोगी दलों (नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू) के समर्थन से गठबंधन कि सरकार बना पायी. कई ऐसे मुद्दे हैं जिनपर बीजेपी और जदयू-टीडीपी के बीच मतभेद हैं. बीजेपी वर्तमान में बैलेंस बनाकर सरकार को चला रही है.
नए अध्यक्ष के सामने बिहार, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु, बंगाल, असम विधान सभा चुनाव को जीतने की चुनौती होगी
नए अध्यक्ष के सामने बिहार, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु, बंगाल, असम, विधान सभा चुनाव को जीतने की चुनौती होगी. इसी साल बिहार विधानसभा चुनाव के साथ-साथ एक लोकसभा और विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनाव भी होंगे. अभी दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बिहार में एनडीए की सरकार चल रही है. दिल्ली में फरवरी और बिहार में नवम्बर में चुनाव होंगे. भष्ट्राचार के आरोपों से घिरे अरविन्द केजरीवाल और नीतीश कुमार का लिटमस टेस्ट भी इस बार होना है. इसी के साथ 2026 में पश्चिम बंगाल में विधान सभा होना है. उत्तर प्रदेश में सीएम योगी के नेतृत्व में बीजेपी हैट्रिक लगाने की कोशिश में जुटी है. इसके लिए बीजेपी नए प्रदेश अध्यक्ष को नेतृत्व देना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक किसी दलित चेहरे को इस दफे मौका मिलनेवाला है. राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ साथ उत्तर प्रदेश को भी नया अध्यक्ष इसी महीने या फरवरी में मिल जायेगा.
नए अध्यक्षों के सामने योगी से कोर्डिनेशन बनाकर उत्तर प्रदेश को जितने की चुनौती होगी. उत्तर प्रदेश विधान सभा के 403 सदस्यों का चुनाव करने के लिए उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से 7 मार्च 2022 तक सात चरणों में विधान सभा चुनाव हुए जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने 403 में 255 जीती. यह 1985 के चुनाव के बाद पहली बार था, जब कोई सरकार अपना 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने दोबारा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटी. अभी यूपी में भाजपा को फिर से कड़ी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ रहा है. वजह कि पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में 74 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन मात्रा 37 सीटें जीत सकी. 2027 में होने वाले विधान सभा चुनाव में हैट्रिक लगाने की कोशिश बीजेपी करेगी. बीजेपी और समाजवादी पार्टी ने एलान किया है कि 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी जनवरी 2025 से शुरू करेगी. 2022 विधान सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को 47, बसपा को 19 और कांग्रेस को 7 सीटें मिली थीं. लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी अपने टारगेट से चूक गयी थी. 2019 के चुनाव में भाजपा ने राज्य में 62 सीटें जीतीं. समाजवादी पार्टी (सपा) ने पांच सीटें जीतीं. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 10 सीटें जीतीं. कांग्रेस को सिर्फ़ 1 सीट मिली. बीजेपी ने बनने जा रही टीम के सामने इस साल होने वाले बिहार विधान सभा चुनाव और 2026 में तमिलनाडु, बंगाल, असम, पुडुचेरी, केरल में होंगे विधान सभा चुनाव जितने की चुनौती होगी.
2026 में तमिलनाडु, बंगाल,असम, पुडुचेरी, केरल में होंगे विधान सभा चुनाव
भारत में 2026 के चुनावों में राज्यसभा और 4 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभाओं के चुनाव शामिल होने की उम्मीद है. असम विधानसभा के 126 सदस्यों का चुनाव करने के लिए मार्च से अप्रैल 2026 के महीने में असम में विधानसभा चुनाव होंगे. 2021 में निर्वाचित वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 2 मई, 2026 को समाप्त होगा. पश्चिम बंगाल विधानसभा के सभी 294 सदस्यों को चुनने के लिए अगला पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव मार्च-अप्रैल 2026 में होने की उम्मीद है. ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मौजूदा मुख्यमंत्री हैं. भारत के केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में 16वीं पुडुचेरी विधानसभा के 30 निर्वाचन क्षेत्रों के सदस्यों का चुनाव करने के लिए अप्रैल-मई 2026 को सोलहवीं विधान सभा का चुनाव होना था. अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन सत्ताधारी गठबंधन है. तमिलनाडु विधानसभा के सभी 234 सदस्यों को चुनने के लिए अगला तमिलनाडु विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई 2026 में होने की उम्मीद है. एमके स्टालिन तमिलनाडु के मौजूदा मुख्यमंत्री हैं. 15वीं केरल विधानसभा के लिए 140 विधायकों का चुनाव करने के लिए केरल में अगला केरल विधानसभा चुनाव मई 2026 से पहले होने की उम्मीद है.
जाति जनगणना और one नेशन one इलेक्शन पर नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को कंट्रोल करने की चुनौती
नए बीजेपी अध्य्क्ष के सामने जाति जनगणना और वन नेशन वन इलेक्शन (one nation one election) पर विपक्ष का दबाब को भी झेलना होगा. विपक्ष इन मुद्दों पर मोदी सरकार से आर पार के मूड में दिख रही है. पिछले महीन लोकसभा सत्र के दौरान इस मुद्दे पर भारी हंगामा भी हुआ. नए अध्यक्ष के सामने हिंदुत्व से लेकर सहयोगी दलों से तालमेल बिठाकर और विपक्ष के हमले से बचाने की चुनौती होगी. जातिगत जनगणना और वन नेशन वन इलेक्शन दो ऐसे मुद्दे हैं जिनपर नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को साथ लेकर बीजेपी के बड़ी चुनौती है.
