Nepal Political Crisis : नेपाल में प्रचण्ड बहुमत मिलने के 42 दिन के अंदर ही गठबन्धन में दरार पड़ती दिख रही है, सत्ताधारी गठबंधन में रवि लामिछाने की राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने अपने मंत्रियों को सरकार से वापस बुला लिया है.
नेपाल के ताजा घटनाक्रम को देखकर लगता है कि जिस नाटकीय तरीके से सत्तारूढ़ गठबन्धन बना था अब उसी नाटकीय तरीके से यह गठबन्धन टूटना शुरू हो चुका है. सरकार को समर्थन कर रहे राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने अपने मंत्रियों को वापस बुलाने का फैसला कर लिया है. राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी की संसदीय दल और केन्द्रीय सदस्यों की दो दिनों की लगातार संयुक्त बैठक के बाद यह फैसला किया गया है.
आपको बता दें कि स्वतंत्र पार्टी के नेपाली संसद में 19 सांसद हैं, लेकिन सरकार से समर्थन वापस लिए जाने पर भी सरकार के पास बहुमत के लिए पर्याप्त संख्या मौजूद है. माओवादी अध्यक्ष प्रचण्ड की सरकार को विश्वास मत के दौरान संसद में उपस्थित 270 में से 268 सांसदों का समर्थन मिला था. हालांकि पार्टी की बैठक के बाद पत्रकार सम्मेलन करते हुए रवि लामिछाने ने कहा कि बैठक में सरकार छोडने, लेकिन सरकार को समर्थन जारी रखने का फैसला किया गया है.
क्या है पूरा मामला ?
राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष रवि लामिछाने के खिलाफ नागरिकता विवाद में सर्वोच्च अदालत से सांसद पद, संसदीय दल के नेता पद, उपप्रधानमंत्री पद और पार्टी अध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया था. हालांकि फैसले के 24 घंटे बाद ही रवि लामिछाने ने दूसरी नागरिकता का प्रमाण पत्र हासिल कर लिया था. नया नागरिकता लेने के बाद से रवि लामिछाने गृहमंत्री बनने के लिए आतुर दिखाई दे रहे थे और बार बार प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचण्ड और सत्ता घटक के प्रमुख पार्टी के नेता केपी शर्मा ओली से मिल कर दुबारा मंत्री पद देने के लिए दबाब दे रहे थे.
रवि लामिछाने बिना सांसद 6 महीने तक मंत्री बन पाने की संवैधानिक व्यवस्था के तहत खुद को मंत्री बनाने के लिए दबाब डाल रहे थे, लेकिन प्रधानमन्त्री प्रचण्ड ने अदालत के फैसला आने तक उन्हें मंत्री बनाने से साफ इंकार कर दिया था. रवि लामिछाने पर पासपोर्ट दुरूपयोग करने, सरकारी कागजात का गलत इस्तेमाल करने का भी मामला बनता है. हालांकि लामिछाने मंत्री नहीं बनाने पर सरकार छोडने की धमकी लगातार दे रहे थे.