नरेंद्र तोमर बोले अब कोई मुद्दा नहीं, कानून वापस हो चुके हैं, किसान संगठनों ने कहा अभी खत्म नहीं होगा आंदोलन

Narendra Singh Tomar on Farmers Protest

दिल्ली : विशेष संवाददाता

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज ग्वालियर में कहा कि किसानों से संबंधित कृषि सुधार कानून वापस हो चुके हैं. इसके साथ ही किसानों की एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर एक समिति बना दी है. अब कोई विषय नहीं बचा है. किसान आंदोलन में जान गंवाने वालों को मुआवजा देने के ममले पर नरेंद्र सिंह ने कहा कि मांग तो अनेक हैं, मगर उचित मांग जो थी उसे सरकार ने मान लिया है. इसी बीच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने आज बैठक किया और कहा कि अभी आंदोलन खत्म नहीं होगा. कई मांगों पर सरकार अभी भी चुप है.

इधर किसान आंदोलन में जान गंवाने वालों के नाम किसान संगठनों ने सरकार को दे दिया है. मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचे नरेंद्र सिंह तोमर ने मुआवज़े को लेकर भेजे गए नामों पर कुछ नहीं कहा. हालांकि उन्होंने इस दौरान कहा कि किसानों से संबंधित कृषि सुधार कानून वापस हो चुके हैं. इसके साथ ही किसानों की एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर एक समिति बना दी है. अब कोई विषय नहीं बचा है. कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की कि अब वह वापस सामान्य कामकाज पर लौटें.

आंदोलन जारी रहेगा, 7 दिसंबर को मोर्चे की दोबारा बैठक होगी

आंदोलन कर रहे किसान सभी मांगे पूरी होने तक अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे. ये फैसला आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने आज प्रदर्शन स्थल व दिल्ली से लगती सीमा सिंघू बॉर्डर पर हुई बैठक में लिया. मोर्चा ने इसके साथ ही आगे की रणनीति और केंद्र सरकार से बातचीत करने के लिए पांच सदस्यों की समिति बनाई है जिसमें बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह, शिवकुमार कक्का और अशोक धावले को शामिल किया गया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि बैठक में केंद्र सरकार को किसानों पर दर्ज मामले लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून की गांरटी, मुआवजे और बाकी मांगों के बारे में स्थिति स्पष्ट करने के लिए दो दिन का समय दिया गया है. एसकेएम ने बताया कि 7 दिसंबर को मोर्चे की दोबारा बैठक होगी. किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 702 किसानों की सूची केंद्र को भेजी गई है, जिनके परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की गई है. बता दें कि नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में कहा था कि उनके पास आंदोलन में मरने वाले लोगों की जानकारी नहीं है.

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