न्यूज डेस्क
शिक्षा के क्षेत्र में एक और बड़ा घोटाला सामने आया है. इस बार खबर हिमाचल प्रदेश से है. हिमाचल प्रदेश के सोलन में मानव भारती विश्वविद्यालय में कोई एक-दो नहीं बल्कि 80 फीसदी डिग्रियां फर्जी है. मानव भारती विश्वविद्यालय ने कुल 41 हजार डिग्रियां बांटी है, जिसमें से 80 फीसदी से ज्यादा छात्रों की डिग्री फर्जी है. मानव भारती चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष राजकुमार राणा ने फर्जी डिग्रियां बेचकर सिर्फ 11 साल में 440 करोड़ का साम्राज्य खड़ा कर दिया.
मुख्य आरोपी राजकुमार राणा गिरफ्तार
हिमाचल पुलिस ने मानव भारती विश्वविद्यालय में बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है. इस फर्जी डिग्री घोटाले से 17 राज्यों में हडकंप मच गया है, जहां के छात्रों ने ये फर्जी डिग्रियां ली है. ये घोटाला लगभग 194 करोड़ 17 लाख रुपए का बताया जा रहा है. इस घोटाले में एसआईटी की टीम ने 75 जगहों पर छापेमारी करके 275 लोगों से पूछताछ की है. घोटाले का मुख्य आरोपी और मानव भारती ट्रस्ट के चैयरमैन राजकुमार राणा को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.
17 राज्यों में फैले है तार
इस घोटाले के तार 17 राज्यों तक फैले है और एसआईटी का अनुमान है कि घोटाला और बड़ा भी हो सकता है. शिमला में कल डीजीपी संजय कुंडू ने मानव भारती विश्वविद्यालय में चल रहे फर्जी डिग्री घोटाले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो हड़कंप मच गया. हिमाचल पुलिस की एसआईटी टीम के साथ ही ईडी, आयकर विभाग समेत प्रमुख जांच एजेंसियों ने इस घोटाले का पर्दाफाश किया है.
इस घोटाले ने शिक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं. आखिर कैसे 11 साल तक एक संस्था हजारों लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर सकती है और प्रशासन को इसकी खबर तक नहीं लगी. यहां से फर्जी डिग्री लेकर ना जाने कितने लोग देश में किन-किन पदों पर बैठे होंगे. कितने योग्य लोगों के हक फर्जी डिग्री से मारे गए होंगे और क्या अब उनकी भरपाई हो सकेगी. फिलहाल सबसे बड़ा सवाल है कि सरकार और भी इस तरह के फर्जी डिग्री देने वाले विश्व विद्यालयों को लेकर कितनी सतर्क है ? क्या देश में ऐसे फर्जी डिग्री देने वाले और विश्वविद्यालय नहीं हैं ? अगर हैं तो समय रहते इनपर पाबंदी क्यों नहीं लगती, जिससे हजारों छात्रों का भविष्य बचाया जा सके.
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