न्यूज़ डेस्क:
महाराष्ट्र का राजनीतिक संकट गहराता ही जा रहा है. प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने शिवसेना सांसद संजय राउत को कल यानी, 28 जून को पूछताछ के लिए नोटिस दिया है, इस नोटिस की प्रतिक्रिया में सीएम उद्धव ने बागी मंत्रियों से विभाग छीन लिए हैं. राउत को ईडी ने पतरा चाल भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है.
बता दें कि 5 अप्रैल को इस मामले में ED ने राउत की संपत्ति अटैच की थी. ईडी ने इस मामले में महाराष्ट्र के बिजनेसमैन और राउत के करीबी प्रवीण राउत को फरवरी में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद इस केस में संजय राउत का नाम भी जुड़ा था. इधर, BJP ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के संकेत दिए हैं. केंद्र सरकार के मंत्री रावसाहेब दानवे ने एक मीटिंग में कहा कि हम सिर्फ 2-3 दिन विपक्ष में मौजूद हैं. अपने कार्यकाल में जो करना है, जल्दी करें.
दूसरी ओर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए शिंदे गुट पर फिर बड़ा हमला बोला है. सामना की संपादकीय में शिंदे गुट को नचनिया बताया गया है. शिवसेना के विधायक उदयसिंह राजपूत ने दावा किया है कि शिंदे गुट में जाने के लिए उन्हों 50 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया गया.
महाराष्ट्र सियासी लड़ाई के 3 बड़े बयान
आदित्य ठाकरे – एकनाथ शिंदे को 20 मई को ही मुख्यमंत्री बनने का ऑफर उद्धव ठाकरे की ओर से दिया गया था, लेकिन फिर भी उन्होंने बगावत की. उन्होंने शाहरुख की फिल्म दिलवाले का डायलॉग बोला- हम शरीफ क्या हुए, सारी दुनिया बदमाश हो गई, बाला साहेब होते तब जवाब देते.
एकनाथ शिंदे – बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना उन लोगों का समर्थन कैसे कर सकती है जिनका मुंबई बम विस्फोट के दोषियों, दाऊद इब्राहिम और मुंबई के निर्दोष लोगों की जान लेने के लिए जिम्मेदार लोगों से सीधा संबंध था.
संजय राउत – गुवाहाटी में बैठे 40 बागी विधायक जिंदा लाश की तरह हैं, वे वहां छटपटा रहे हैं, ये 40 लोग जब मुंबई आएंगे तब वे मन से जिंदा नहीं होंगे, उनकी आत्मा वहीं रह जाएगी. बाद में शव वाले बयान पर राउत ने सफाई देते हुए, कहा- जमीर मरने की बात कही थी.