भगदड़ की अब तक घटनाएं: प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ से पहले 1954 में 800 श्रद्धालुओं की हुई थी मौत

Mahakumbh Mela Stampede News

Mahakumbh Mela Stampede News : प्रयागराज महाकुंभ में 29 जनवरी-2025 को भगदड़ मचने से 30 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. भगदड़ की ये कोई पहली घटना नहीं है. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक पिछले करीब 25 सालों में ही भारत में भगदड़ की 3900 से ज्यादा घटनाएं हुईं. इन घटनाओं में तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौतें हुईं. ये घटनाएं धार्मिक त्योहारों, राजनैतिक रैलियों की वजह से हुईं है. सबसे ज्यादा घटनाएं धार्मिक आयोजनों के दौरान हुईं.

आईये कुछ बड़ी घटनाओं के बारे में जानते हैं :

उत्तर प्रदेश : प्रयागराज में महाकुम्भ में 29 जनवरी 2025 को भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. मौनी अमावस्या के अवसर पर त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान करने के लिए करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ प्रयागराज में पहुँच चुके हैं. 14 जनवरी 2025 से प्रयागराज में महाकुंभ मेला शुरू हुआ है और 26 फरवरी तक चलेगा. कोई इसे 144 साल बाद लगने वाला महाकुंभ बता रहा है तो कोई इसे पूर्ण कुंभ कह रहा है.

आंध्र प्रदेश : आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में इसी महीने 8 जनवरी को मची भगदड़ में छह लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 40 लोग घायल हो गए.

उत्तर प्रदेश : हाथरस में धार्मिक सत्संग में भगदड़ 121 की मौत. पिछले साल 2 जुलाई को यूपी के हाथरस में एक धार्मिक सत्संग में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 121 लोगों की मौत हुई थी. मरने वालों में 112 महिलाएं और 7 बच्चे शामिल थे. यह कार्यक्रम धार्मिक नेता सूरज पाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग का था.

जम्मू-कश्मीर : वैष्णों देवी मंदिर में जनवरी, 2022 में भगदड़ मच गई थी. जिसमें 12 लोगों की मौत हुई थी और दर्जनों श्रद्धालु घायल हो गए थे. जांच में सामने आया कि भक्त मंदिर के संकरे प्रवेश द्वार से अंदर जाना चाहते थे जिसके कारण ये घटना हुई.

आंध्र प्रदेश : राजमुंदरी में पुष्करम त्योहार मनाया जा रहा था. त्योहार के पहले गोदावरी नदी के किनारे पवित्र स्थल पर स्नान करते हैं. 14 जुलाई 2015 को श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा होने से भगदड़ मच गई और 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई, जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए.

बिहार : पटना के गांधी मैदान में 3 अक्टूबर 2014 को दशहरा कार्यक्रम जब समाप्त हो गया था. उसके बाद यहां भगदड़ मच गई, जिसमें 32 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 26 लोग घायल हो गए थे.

उत्तर प्रदेश : प्रयागराज में 2013 के कुंभ में भी भगदड़ मच गई थी, जिसमें 36 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि दर्जनों श्रद्धालु घायल हो गए थे. ये भगदड़ कुंभ मेले में नहीं मची थी. जब श्रद्धालु संगम में स्नान करने के बाद ट्रेन के इंतजार में रेलवे स्टेशन पर बैठे हुए थे, उसी दौरान रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा हुई. जिसकी वजह से सैकड़ों की संख्या में लोग दौड़े और भगदड़ की स्थिति बन गई. उसके बाद जब लोग लोहे के ब्रिज पर चढ़े तो वो इतने लोगों का भार नहीं सहन कर पाया और गिर गया.

मध्य प्रदेश : दतिया जिले की रतनगढ़ देवी मंदिर में साल 2013 में नवरात्रि उत्सव के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें 115 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. इस कार्यक्रम में डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए थे. जगह की कमी की वजह से ऐसे हालात बन गए थे.

उत्तराखंड: हरिद्वार में नवंबर, 2011 में गंगा नदी के तट पर भगदड़ मच गई थी. हर की पौड़ी घाट पर मची इस भगदड़ में कम से कम 20 लोग मारे गए थे.

उत्तर प्रदेश: प्रतापगढ़ जिले में साल 2010 में भगदड़ मची थी. प्रतापगढ़ में कृपालुजी महाराज के आश्रम का गेट गिरने से भगदड़ के हालात बने और 63 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में 100 से अधिक लोग घायल भी हो गए. कृपालुजी महाराज की पत्नी की बरसी के भंडारे पर कुंडा स्थित आश्रम पर भारी संख्या में लोग इकट्ठे हुए थे. यहीं पर लोगों को सामान बांटा जा रहा था.

हिमाचल प्रदेश : प्रसिद्ध नैना देवी मंदिर में साल 2008 में एक धार्मिक समारोह में भगदड़ मच गई थी. जिसकी वजह से 162 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए थे.

राजस्थान : जोधपुर में स्थित चामुंडा देवी मंदिर में 30 सितंबर, 2008 को भगदड़ मच गई थी. यहां किसी ने मंदिर के अंदर बम होने की अफवाह फैला दी थी. इस भगदड़ में 250 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

महाराष्ट्र : सतारा जिले में स्थित मंधारदेवी मंदिर में 25 जनवरी, 2005 को भगदड़ मच गई थी. इसमें 350 से ज्यादा श्रद्धालुओं की दबकर मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे. ये हादसा तब हुआ था जब कुछ लोग नारियल तोड़ते समय सीढ़ियों पर गिर गए थे.

महाराष्ट्र : साल 2003 में महाराष्ट्र के नासिक के कुंभ मेला लगा था. इस पवित्र कुंभ मेले में स्नान के लिए देशभर से लाखों लोग पहुंचे थे. इसी दौरान भगदड़ मच गई और 39 लोग मार गए, जबकि 140 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.

उत्तरखंड : 1986 में लगे हरिद्वार कुंभ मेले में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इस मेले में यूपी के तत्कालीन सीएम वीर वहादुर सिंह, दूसरे राज्यों के सीएम और सांसदों के साथ पहुंचे थे, जैसे ही सुरक्षाकर्मियों ने आम लोगों को नदी के किनारे जाने से रोका, भीड़ बेकाबू हो गई, जिससे भगदड़ मच गई.

उत्तरप्रदेश : प्रयागराज में साल 1954 में लगे महाकुंभ में अबतक की सबसे बड़ी भगदड़ मची थी, जिसमें करीब 800 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें से कुछ लोग दबकर मर गए थे और कुछ लोग बचने के लिए नदी में कूद गए थे. ये हादसा भी मौनी अमावस्या के दिन हुआ था.

निशा सिंह ।

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