लखनऊ: विक्रम राव
यूपी में जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद के मामलों पर लगाम लगाने के लिए यूपी सरकार ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में उ.प्र. विधि विरुद्ध प्रतिषेद अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे दी. अब कोई भी व्यक्ति अपना धर्म और पहचान छुपाकर यदि किसी युवती को अपने जाल में फंसाएगा, उससे शादी करेगा और उसका धर्म परिवर्तन कराएगा, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. राज्य कैबिनेट की बैठक में इसे लेकर चर्चा हुई. योगी कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पास हुआ है और लव जिहाद के कानून पर मुहर लग गई है. बैठक में पहले 21 प्रस्ताव पास हुए थे लेकिन धर्मांतरण के मामले पर प्रस्ताव पास नहीं हुआ. बाद में फिर से चर्चा कर प्रस्ताव को पारित किया गया.
यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के लिए 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ 1-5 साल की जेल की सजा का प्रावधान है. अगर SC-ST समुदाय की नाबालिगों और महिलाओं के साथ ऐसा होता है तो 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल होगी.
उन्होंने कहा कि यूपी कैबिनेट उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 लेकर आई है, जो उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सामान्य रखने के लिए और महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों में 100 से ज्यादा घटनाएं सामने आई थीं, जिनमें जबरन धर्म परिवर्तित किया जा रहा है. इसके अंदर छल-कपट, बल से धर्म परिवर्तित किया जा रहा है.अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के इच्छुक होने पर विहित प्रारुप पर जिलाधिकारी को 2 महीने पहले सूचना देनी होगी, इसका उल्लंघन किए जाने पर 6 महीने से 3 साल तक की सजा और जुर्माने की राशि 10 हजार रुपये से कम की नहीं होने का प्रावधान है.लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की बात सबसे पहले सीएम योगी ने यूपी के देवरिया में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कही थी. उन्होंने कहा था कि जैसा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ कहा है कि महज शादी करने के लिए किया गया धर्म परिवर्तन अवैध होगा.
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अगले विधानसभा सत्र में लव जिहाद को लेकर विधेयक लाया जा रहा है. लव जिहाद पर 5 साल कारावास की सजा का प्रवधान रहेगा. वहीं, हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने भी कहा कि वे भी प्रदेश में लव जिहाद रोकने के लिए कानून लाएंगे.हाल ही में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार में भी ऐसा कानून बनाने की मांग की थी, हालांकि जेडीयू ने इससे किनारा किया. शिवसेना की ओर से संजय राउत ने कहा है कि अगर बिहार में ऐसा कोई बिल आता है, तो हम उसे देखेंगे. नीतीश कुमार एक शांत स्वभाव वाले मुख्यमंत्री हैं.