लंदन केवल यूरोप में ही नहीं, उत्तर प्रदेश में भी है, यूपी वाले लंदनपुर को आधुनिक तरीके से बसाया गया है

न्यूज डेस्क :

अभी तक हमने केवल यूरोप में यूनाइटेड किंगडम या इंग्लैंड के राजधानी के तौर पर लंदन का नाम जाना है, लेकिन यूपी में आधुनिक तरीके से बसाया गया लंदनपुर किसी भी मायने में लंदन से कम नहीं है. उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में बसे लंदनपुर में शानदार तोरण द्वार, चहारदीवारी के बीच करीने से बने मकान, चमचमाती सड़कें, सार्वजनिक पार्क, पूरे परिसर को जगमग करतीं स्ट्रीट लाइट, गोशाला, हर घर शुद्ध पेयजल, बिजली, प्रदूषण मुक्त गैस सिलेंडर, हर परिवार को मुफ्त स्वास्थ्य की सुविधा और ऐसी ही बहुत सारी व्यवस्थाएं हैं. यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है.वाह! लन्दनपुर तो सचमुच का लंदन लग रहा है – सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1 सितंबर, 2021 को इस शानदार एकीकृत ग्रामीण टाउनशिप में 26 परिवारों को उनके घर की चाभी देकर गृह प्रवेश कराया. वर्चुअल माध्यम से टाउनशिप के परिवारों से बात करते हुए स्थानीय लोगों ने टाउनशिप की खूबियां बयां की तो सहसा मुख्यमंत्री ने भी कहा कि वाह! लन्दनपुर तो सचमुच का लंदन लग रहा है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम में खासतौर पर कानपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पद पर तैनात अरविंद सिंह बुलाया गया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अभिनव योजना के लिए अरविंद की सराहना करते हुए इस मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू करने की जरूरत बताई.

लखीमपुर खीरी के लंदनपुर की विशेषताएं

लंदनपुर में सभी परिवारों को उनके गांव में आवासीय भूमि का पट्टा मिला है. टाउनशिप के लिए कोई अतिरिक्त ग्रांट नहीं ली गई. हर घर में टैप वाटर व पानी की टंकी से घरों में जलापूर्ति होती है. हर घर में बिजली का कनेक्शन, अलग से ट्रांसफॉर्मर की व्यवस्था है. सभी 26 घरों के लिए व्यक्तिगत शौचालय और कम्पोस्ट पिट है. सार्वजनिक पार्क, मनरेगा से ओपन जिम, वॉकिंग ट्रैक है. मंदिर, खूबसूरत पोखर, ऑफिस एवं स्टोर भी है. राशन कार्ड, पेंशन योजना, मनरेगा जॉब कार्ड, आयुष्मान गोल्ड कार्ड, आदि सभी इसमें रहने वालों को दिया गया है. स्ट्रीट लाइट, तोरण द्वार, पक्की नाली, कूड़ा प्रबंधन, जैसी व्यवस्था है उपलब्ध है. दरअसल यह एक सैंपल है, जिसे विस्तारित करके शहर को सुंदर बनाया जा सकता है.


इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी असंभव नहीं है

लंदनपुर को देखकर यही कहा जा रहा है कि इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी किया जा सकता है. लंदनपुर को बसाने में सरकार से अतिरिक्त अनुदान राशि नहीं ली गई है, बल्कि उपलब्ध व्यवस्थाओं का सही तरीके से केवल इस्तेमाल कर इतनी अच्छी व्यवस्था कर दी गई है. यानी केवल ईमानदार प्रयास से इसे कार्यरूप दिया गया है और इसमें सबसे प्रमुख भूमिका निभाई है युवा आईएएस अरविंद सिंह ने. आपको बता दें कि इससे पहले लखीमपुर में सीडीओ रहते हुए कोविड काल में भारतीय सेना के लिए पीपीई किट तैयार कराने की अभिनव योजना ऑपरेशन चतुर्भुज के लिए भी सुर्खियों में रहे हैं.

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