Bihar News: पद्मश्री डॉ.जगदीश प्रसाद ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी के नाम की घोषणा कर दी. ‘लोकतांत्रिक सामाजिक न्याय पार्टी’ की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार के गरीब लोग अशिक्षा और बीमारी से जूझ रहे है, केंद्र और राज्य सरकारें अनदेखी कर रही है. इस स्थिति में सुधार जरूरी है और इसके लिए राजनीतिक बदलाव लाना होगा. जब उनकी यानी गरीबों की सरकार होगी तो गरीबों को स्नातक तक मुफ्त शिक्षा व मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएंगी. बिहारियों को शिक्षित कर नालंदा व विक्रमशिला विश्वविद्यालय के पुराने गौरव को वापस लाया जाएगा.
भारत सरकार के पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक पद्मश्री डा.जगदीश प्रसाद ने रविवार को अपनी नई राजनीतिक पार्टी ‘ लोकतांत्रिक सामाजिक न्याय पार्टी’ की घोषणा की. इस मौके धर्मेंद्र पासवान, पूर्व आईजी सतीश प्रसाद, प्रो.शिवजतन ठाकुर, रामाकांत प्रसाद, रवि निवास राम, हेमंत कुमार, रितेश कुमार समेत राज्य के कोने-कोने से आए पार्टी के सैकड़ों प्रमुख कार्यकर्ता मौजूद थे. उन्होंने कहा कि पिछले 33 वर्षों से बिहार में बहुजनों की सरकार है फिर भी गरीबों की दशा में कोई बदलाव नहीं हुआ है. गरीब और गरीब होते जा रहे हैं.
बिहार में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 75 प्रतिशत बच्चे हाई स्कूल जाते-जाते पढ़ाई छोड़ देते हैं : डॉ. जगदीश प्रसाद
डॉ. जगदीश प्रसाद ने कहा कि गरीबों का बच्चा शिक्षा से वंचित रहे, इसके लिए सभी सरकारी स्कूलों को जर्जर बना दिया गया. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा आठ तक के 50 प्रतिशत बच्चे अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं और मजदूरी करने दूसरे शहरों में चले जाते हैं. हाई स्कूल जाते-जाते 75 प्रतिशत बच्चे पढ़ाई छोड़ मजदूरी में लग जाते हैं. मात्र तीन प्रतिशत गरीब के बच्चे ही स्नातक तक की पढ़ाई पूरी कर पाते हैं. पूर्णिया में पिछड़ा वर्ग के लिए एक आवासीय गर्ल्स हाईस्कूल बनाया गया है, परंतु वहां 28 शिक्षकों के स्वीकृत पदों में मात्र 8 ही शिक्षक हैं. हरनौत के आवासीय विद्यालय में शिक्षक हैं और छात्र भी हैं, परंतु स्कूल का कोई भवन है ही नहीं.
बिहार के किसी भी प्राइमरी हेल्थ सेंटर में इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है : डॉ. जगदीश प्रसाद
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.प्रसाद ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था भी पूरी तरह चरमरा गई है. दो करोड़ की आबादी पर स्टेट आफ आर्ट हास्पीटल होना चाहिए जहां कैंसर, ब्रेन व दिल की बीमारी के साथ ही सुपर स्पेशिलियटी की व्यवस्था हो. सभी जिला अस्पतालों में ह्रदय रोग समेत अन्य गंभीर बीमारियों के साथ-साथ बुजुर्गों व मानसिक रोगियों के इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए. उन्होंने भ्रष्टाचार पर चोट करते हुए कहा कि बिहार में पेन माफिया संस्कृति विकसित हो गया है. पेन माफियाओं की अवैध संपत्तियों की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई भी जरुरी है. किसी भी प्राइमरी हेल्थ सेंटर में इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है. नेशनल हाइवे पर प्रति 100 किमी एक ट्रौमा सेंटर होना चाहिए जो यहां नहीं है, जबकि उन्होंने अपने कार्यकाल में नौ ट्रौमा सेंटर के लिए राशि भेजा था. आबादी के अनुपात में यहां छह कैंसर संस्थान होना चाहिए जो एक ही है. सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था ऐसी हो कि इलाज के लिए किसी को राज्य से बाहर नहीं जाना पड़े. सीएजी की रिपोर्ट पर गौर करें तो नब्बे फीसद जिला अस्पतालों में आपरेशन थियेटर, आईसीयू एवं ब्लड बैंक नहीं है. अस्पतालों में 60 प्रतिशत डाक्टरों की कमी, 74 से 92 प्रतिशत पारा मेडिकल स्टाफ की कमी, 84 प्रतिशत तक नर्सिंग स्टाफ की कमी है.
केंद्र सरकार पब्लिक सेक्टर यूनिटों को बेचने में लगी है : डॉ. जगदीश प्रसाद
केंद्र सरकार की हालत यह हो गई है कि वह 345 पब्लिक सेक्टर यूनिटों में 135 बेच चुकी है या कुछ को बेचने की तैयारी में है. केंद्र सरकार अभी तक आठ साल के अंदर 26700 किमी एनएच, 150 ट्रेन, 400 रेलवे स्टेशन, गैस पाइप लाइन का 12000 किमी, 25 एयरपोर्ट, 160 कोल माइंस के साथ ही राइट्स, कॉनकोर, एमएमटीसी, सेल, नाल्को, एचसीएल, एनबीसीसी समेत दर्जनों बड़ी सरकारी कंपनियों को बेच चुकी है या बेचने की तैयारी में है. केंद्र से लेकर राज्य तक की सरकारें गरीबों के हित की अनदेखी कर रही है. महंगाई चरम पर है जिससे आम आदमी को दो जून की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है.
गरीबों की सरकार में स्नातक तक मुफ्त शिक्षा व मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं मिलेगी : डॉ. जगदीश प्रसाद
जब गरीबों की अपनी सरकार बनेगी तो भ्रष्टाचार पर पूरी तरह लगाम कसा जाएगा. भ्रष्टाचार पर उनकी नीति जीरो टालरेंस की होगी. राज्य के सभी पंचायतों में बेहतर स्कूल बनाए जाएंगे जिसमें पर्याप्त संख्या में क्वालिटी के पढ़ाने वाले शिक्षक हों. पूरे देश में एक समान शिक्षा की व्यवस्था होगी. कोई भी निजी स्कूल नहीं होगा. गरीबों के लिए प्रखंड स्तर पर आवासीय विद्यालय बनाए जाएंगे. सरकारी विद्यालयों व महाविद्यालयों में इस तरह की पढ़ाई होगी कि किसी भी बच्चों को कोचिंग अथवा ट्यूशन की आवश्यकता ही न हो. बिहार से बाहर कोटा में कोचिंग करने की जरुरत नहीं होगी. उच्च शिक्षा के लिए बिहार के छात्रों को दूसरे शहरों में जाने की जरुरत नहीं होगी. हर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज की पर्याप्त व्यवस्था होगी और जिला स्तर के अस्पतालों को सुपर स्पेशिलियटी अस्पताल बनाया जाएगा. बुजुर्गों का इलाज भी मुफ्त होगा.
डॉ. जगदीश प्रसाद 1991 में पद्मश्री से सम्मानित
उत्कृष्ट सेवा के लिए डॉ. जगदीश प्रसाद को 1991 में ही 36 साल की उम्र में भारत सरकार की ओर से पद्मश्री की उपाधि मिली. उन्होंने 38 साल एक चिकित्सक एवं कुशल प्रशासक के रूप में देश के गरीबों ही नहीं मध्यम वर्ग के ह्रदय रोग से पीड़ित लाखों लोगों की नि:शुल्क सर्जरी किया है. गरीबों के इलाज के लिए देश में पांच एम्स के साथ ही 20 कैंसर संस्थान बनवाया, जिसमें नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि टीबी के मरीज अधिकतर गरीब ही होते हैं और उनके लिए मुफ्त दवाओं के साथ-साथ प्रति माह खाने-पीने के लिए पांच सौ रुपये की भी व्यवस्था करवाई. पूरे देश में क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को लागू करवाया जिससे निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाई जा सके.