दिल्ली: वरिष्ठ संवाददाता
आख़िरकार रामविलास पासवान की पार्टी टूट गयी। रामविलास के भाई पशुपति पारस LJP संसदीय दल के नेता बने हैं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने आज दे दी है. रामविलास के पुत्र चिराग पासवान पहले संसदीय दल के नेता थे. हाजीपुर से सांसद पारस ने कहा कि मैंने पार्टी को तोड़ा नहीं, बल्कि बचाया है. उन्होंने कहा कि लोजपा के 99 प्रतिशत कार्यकर्ता पासवान के नेतृत्व में बिहार 2020 विधानसभा चुनाव में जद (यू) के खिलाफ पार्टी के लड़ने और खराब प्रदर्शन से नाखुश हैं. पारस ने कहा कि उनका गुट भाजपा नीत राजग सरकार का हिस्सा बना रहेगा और चिराग पासवान भी संगठन का हिस्सा बने रह सकते हैं.
इसके पहले आज दिल्ली में दिवंगत रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस और भतीजे प्रिंस राज के आवास पर करीब 90 मिनट तक रुकने के बाद चिराग पासवान वहां से मीडिया से बात किए बिना ही चले गए थे. लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के छह लोकसभा सदस्यों में से पांच ने, दल के मुखिया चिराग पासवान को संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता के पद से हटाने के लिए हाथ मिला लिया और उनकी जगह उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को इस पद के लिए चुन लिया था. पारस ने सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए उन्हें एक अच्छा नेता तथा ‘विकास पुरुष’ बताया और इसके साथ ही पार्टी में एक बड़ी दरार उजागर हो गई, क्योंकि पारस के भतीजे चिराग पासवान जद (यू) अध्यक्ष के धुर आलोचक रहे हैं.
2020 में पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा का कार्यभार संभालने वाले चिराग अब पार्टी में अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं.
पशुपति कुमार पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष की ताजपोशी की तैयारी
अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर पशुपति पारस की ताजपोशी की तैयारी शुरू हो गयी है. पारस खेमे की तरफ़ से इसी सप्ताह एलजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाए जाने की तैयारी की जा रही है. इसमें पार्टी के सभी राष्ट्रीय और बिहार के पदाधिकारियों समेत राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों को बुलाया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक पटना में बैठक बुलाई जा सकती है. इसमें चिराग़ पासवान की जगह पशुपति पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने का एलान हो जायेगा.