दिल्ली : डॉ. निशा सिंह
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. कल गुरुवार 7 अक्टूबर को चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच सुबह 11 बजे के बाद सुनवाई करेगी. केस का टाइटल वायलेंस इन लखीमपुर खीरी लीडिंग टू लॉस ऑफ लाइफ रखा गया है. जस्टिस सूर्यकांत और हिमा कोहली भी बेंच के सदस्य हैं. लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में गत रविवार को भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. हालांकि किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है. किसान संगठनों और विपक्ष का आरोप है कि जब किसान तिकोनिया क्षेत्र में प्रदर्शन कर रहे थे तभी अजय मिश्रा के बेटे की गाड़ी किसानों को रौंदते हुए आगे बढ़ गई. इसके बाद हिंसा भड़क उठी. पूरे मामले में चार किसानों समेत आठ लोगों की जान चली गई.
कांग्रेस नेता कपिल सिबल ने ट्वीट करके कहा : लखीमपुर खीरी कांड मामले को स्वतः संज्ञान में लेने का निर्णय लेने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश का धन्यवाद. यह समय की मांग है. भारत में अदालतें न्याय के मंदिर हैं जो उन बेजुबानों के विश्वास को बहाल कर सकते हैं जो अक्सर अनाथ महसूस करते हैं.
Lakhimpur Kheri Incidence
Thank the Chief Justice of India for deciding to take up the matter suo motu
This is the need of the hour
This and courts in India are the temples of justice that can restore the faith of the voiceless who most often feel orphaned
— Kapil Sibal (@KapilSibal) October 6, 2021
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 4 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि जब ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं तो कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होता है. अदालत ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी दावा तो करते हैं कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है, लेकिन जब वहां हिंसा होती है तो कोई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं होते हैं. वहीं केंद्र की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि लखीमपुर खीरी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए किसानों के विरोध प्रदर्शन पर तुरंत रोक लगाने की जरूरत है.
लखीमपुर खीरी घटना पर योगी को घेरने में जुटा विपक्ष, राहुल, प्रियंका, अखिलेश पहुंचे
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने सीतापुर से लखीमपुर खीरी जा कर हिंसा में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों से मुलाकात की. उनके साथ पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी थे. बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी सीतापुर में प्रियंका गांधी से मिलने पहुंचे. यहां पीएसी गेस्ट हाउस में यूपी प्रशासन ने प्रियंका गांधी को गिरफ्तार करके रखा हुआ था. आज सीतापुर की अस्थाई जेल से प्रियंका को रिहा कर दिया गया. रात में ही राहुल गांधी दिल्ली लौट सकते हैं. कल अखिलश यादव, सतीशचंद्र मिश्रा, से लेकर पंजाब से भारी संख्या में लोग लखीमपुर पहुंचे वाले हैं. इस घटना पर राजनीति ने पूरे देश का ध्यान लखीमपुर खीरी की तरफ केंद्रित कर रखा है. विपक्ष आने वाले विधान सभा में इस मामले को भुनाने की कोशिश में है.