रांची-प्रवीण सिन्हा
अब झारखण्ड में भी सीबीआई को केस की जांच करने से पहले राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी. झारखण्ड के हेमंत सरकार ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है. दो दिन पहले केरल सरकार ने भी यही फैसला किया है. केरल से पहले महाराष्ट्र सरकार ने सीबीआई को नो एंट्री का निर्णय किया था.
महाराष्ट्र राज्य में केस की जांच के लिए केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सरकार की तरफ से दी गई आम सहमति को उद्धव ठाकरे सरकार ने 21 अक्टूबर को वापस ले लिया था. यानी अब महाराष्ट्र में सीबीआई को केस की जांच करने से पहले राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी.
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इससे पहले, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने राज्य में छापे मारने और जांच के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति को वापस ले लिया था. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की बीजेपी नीत एनडीए सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि वह सीबीआई और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जैसे महत्वपूर्ण भारतीय संस्थानों को बर्बाद कर रही है.
आंध प्रदेश सरकार की तत्कालीन चंद्रबाबू नायडू सरकार ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य में कानून के तहत शक्तियों के इस्तेमाल के लिए दी गई सामान्य रजामंदी वापस ले लिया था. ऐसे में अब सीबीआई आंध्र प्रदेश की सीमाओं के भीतर किसी मामले में सीधे दखल नहीं दे सकती है.