न्यूज डेस्क
भारत में कोरोना के दो वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू हो चुका है. अभी देश में केवल आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को ही सरकार मुफ्त में वैक्सीन दिलवा रही है, यानी आम लोगों को अभी वैक्सीन मिलने में देरी है. दूसरी तरफ वैक्सीन की जरूरत को देखते हुए भारत ने अपने मित्र देशों को भी वैक्सीन की करीब डेढ़ करोड़ डोज भेज दी है. भारत की इस पहल से केवल मित्र देश ही नहीं, बल्कि WHO भी भारत की तारीफ कर रहा है, को मुसीबत की घड़ी में भी दूसरों की सहायता कर रहा है.
भारत कोरोना वायरस संकट से उबरने में पूरे विश्व के लिए एक मिसाल बन चुका है. अमेरिका, ब्राजील और मित्र देशों के बाद अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है. ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने तो भारत में बनी वैक्सीन को ‘संजीवनी बूटी’ बताते हुए भारत को धन्यवाद दिया था. देश में बनी वैक्सीन को दुनिया के कई देशों में निर्यात कर भारत ने वैश्विक स्वास्थ्य में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इसलिए आज दुनिया के सभी बड़े देश और राजनेता भारत के इस प्रयास की तारीफ कर रहे हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम ने अपने ट्वीट में लिखा है कि कोविड-19 के खिलाफ विश्व भर में जारी प्रयासों में लगातार सहयोग देने के लिए हम भारत तथा पीएम नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा करते हैं. हम मिलकर काम कर और ज्ञान साझा करके ही इस वायरस को रोक सकते हैं और जिंदगियों को बचा सकते हैं. इससे पहले ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने तो भारत में बनी वैक्सीन को ‘संजीवनी बूटी’ बताते हुए भारत को धन्यवाद दिया था. बोलसोनारो ने अपने ट्वीट में भगवान हनुमान की संजीवनी बूटी ले जाते हुए तस्वीर शेयर कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया था और हिंदी में धन्यवाद लिखा था.
भारत 1.417 करोड़ वैक्सीन मित्र देशों को भेज चुका है
ब्राजील इकलौता देश नहीं जिसे भारत ने वैक्सीन दी है. भारत लगातार अपने कई मित्र देशों को वैक्सीन की मदद में
देने में जुटा है. भारत ने 22 जनवरी को कोविशील्ड की 1.417 करोड़ डोज भूटान, मालदीव, बांगलादेश, नेपाल, म्यामांर ओर सेशेल्स में पहुंचाई हैं. आगे भी इसे और देशों को देने की योजना है.