रिसर्च डेस्क :
विश्व असानता रिपोर्ट 2022 के अनुसार, 50 फीसदी निचले तबके की कुल आय का योगदान घटकर महज 13 फीसदी पर रह गया है. इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि साल 2020 में भारत की ग्लोबल इनकम (Global Income) भी काफी निचले स्तर पर पहुंच गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया के सबसे असमान देशों में से एक है और यहां एक ओर गरीबी बढ़ रही है तो दूसरी ओर एक समृद्ध वर्ग और ऊपर बढ़ता जा रहा है.
विश्व असानता रिपोर्ट 2022 में भारत को बड़ा झटका लगा है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एक गरीब और असमानताओं से भरा देश है. भारत को लेकर इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यह एक ऐसा देश है जहां कि शीर्ष 10 फीसदी आबादी के पास राष्ट्रीय आय का 57 फीसदी हिस्सा है. जबकि 50 फीसदी निचले तबके के पास सिर्फ 13 फीसदी हिस्सा है. यह रिपोर्ट वर्ष 2021 पर आधारित है. इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि साल 2020 में देश की ग्लोबल इनकम भी काफी निचले स्तर पर पहुंच गया है.
इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में औसत घरेलू संपत्ति 9,83,010 रुपये है. इसमें कहा गया है कि भारत एक गरीब और काफी असमानता वाला देश है जहां कुलीन वर्ग के लोग भरे पड़े हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में लैंगिक असमानता बहुत अधिक है. इसमें कहा गया है, ”महिला श्रमिक की आय की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत है. यह एशिया के औसत (21 प्रतिशत, चीन को छोड़ कर) से कम है.
रिपोर्ट में आंकड़ों के अनुसार, भारत के वयस्क आबादी की औसत राष्ट्रीय आय सालाना 2 लाख 4 हजार 200 रुपये है. देश के निचले तबके की 50 फीसदी आबादी की वार्षिक आय 53,610 रुपये है, जबकि शीर्ष 10 फीसदी आबादी की सालाना आय इससे करीब 20 गुना अधिक यानी 11 लाख 66 हजार 520 रुपये है.