बिहार मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ़्तारी : IAS संजीव हंस और पूर्व MLA गुलाब यादव के बाद और भी होंगे गिरफ्तार

पटना : उमेश नारायण मिश्रा

बिहार में मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में चर्चित IAS अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव को ED ने गिरफ्तार किया है.
राजनितिक गलियारे में चर्चा है कि 1997 बैच के बिहार कैडर के IAS अधिकारी संजीव हंस के बाद अभी कई और IAS की गिरफ्तारी होने वाली है. इस लिस्ट में नीतीश कुमार के करीबी रहे कई IAS हैं, जिनका नाम सत्ता के चलने में अहम् भूमिका रही है. सत्ता के गलियारे में और मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर सड़क तक ये चर्चा अब जोड़ पाकर रही है कि क्या AS अधिकारी संजीव हंस के बाद अब किसकी बारी है. क्या बिहार में नीतीश कुमार और बीजेपी में इस मामले में दूरी बढ़ रही है. क्या 2025 बिहार विधान सभा चुनाव के पूर्व नीतीश पर दबाब बनाने के लिए केंद्रीय जाँच एजेंसी का उपयोग मोदी सरकार कर रही है?

जानकारी के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की टीम ने 18 अक्टूबर को ये गिरफ़्तारी की है। ED की टीम ने संजीव हंस को पटना स्थित उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार किया है. हंस 1997 बैच के AS अधिकारी हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीब रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक हंस कि गिरफ़्तारी से नीतीश कुमार बेहद ही नाराज हैं. आपको बता दें कि 1997 बैच के आईएएस अधिकारी संजीव हंस को उनके काम के लिए 2023 में ‘टॉप 23 चेंजमेकर’ में शामिल किया गया था, लेकिन कई मामले में उन पर गंभीर आरोप भी लगते रहे हैं. संजीव हंस का जन्म 19 अक्टूबर 1973 को पंजाब में हुआ था. उनके पिता एक राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी थे, जिनसे प्रेरित होकर संजीव हंस ने भी सिविल सेवा में आने का फैसला किया. उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की और फिर UPSC परीक्षा पास करके भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए.

ED सूत्रों के अनुसार IAS संजीव हंस ने पंजाब के मोहाली और कसौली में करोड़ों की बेनामी संपत्ति खरीद रखी है. उन्हें ईडी ने करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने के मामले में ही गिरफ्तार किया है. संजीव हंस के साथ गुलाब यादव की गिरफ्तारी हुई है, वह दिल्ली में उनके करीबी सहयोगी रहे हैं. आपको जानकारी दें कि इससे पहले ED बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व राजद विधायक गुलाब यादव के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान बिहार, दिल्ली और पुणे में कई ठिकानों पर छापे भी मार चुकी है. इस दौरान अचल सम्पति की भी जानकारी मिली है. मधुबनी की झंझारपुर सीट से पूर्व विधायक गुलाब यादव पहले राजद में थे. 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्‍हें आरजेडी से टिकट नहीं मिला. झंझारपुर सीट गठबंधन में शामिल मुकेश साहनी की पार्टी VIP के हिस्‍से में चली गई थी. ऐसे में गुलाब यादव बीएसपी के टिकट से चुनावी मैदान में उतर गए थे. हालांकि, उन्हें चुनावी रण में कामयाबी नहीं हासिल हो सकी. पत्‍नी अंबिका गुलाब यादव को उन्‍होंने अपने बूते पर स्थानीय निकाय क्षेत्र से एमएलसी बनवा दिया. अंबिका यादव ने बीजेपी उम्‍मीदवार को मात दे दी थी. इसके अलावा गुलाब यादव की बेटी बिंदु गुलाब यादव जिला परिषद की अध्यक्ष हैं.

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