विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की कोऑर्डिनेशन कमेटी की दिल्ली में हुई पहली बैठक में तय हुआ कि सीट शेयरिंग का फॉर्मूला भोपाल में तय होगा. यह मीटिंग अक्टूबर में होगी और इसी में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय किया जाएगा.
Loksabha Election 2024 : दिल्ली में 13 सितंबर को शरद पवार के आवास पर विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की कोऑर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक हुई, जिसके बाद कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि हमने देश के अलग-अलग राज्यों में रैलियां करने का फैसला लिया है. पहली रैली अक्टूबर के पहले हफ्ते में भोपाल में होगी, जिसमें मोदी सरकार में बढ़ रही बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, जाति-जनगणना जैसे मुद्दों पर बात होगी. वेणुगोपाल ने कहा कि सीट शेयरिंग पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. सभी पार्टियां मिलकर इस बारे में जल्द से जल्द फैसला करेंगी.
क्या हैं I.N.D.I.A. की मुश्किलें ?
इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी मुश्किल है कि उसमें 28 दल हैं और अधिकांश दल अपना नेतृत्व चाहते हैं. सबकी अपनी महत्वकाक्षाएं हैं. एक तरफ सबसे बड़ी और पुरानी पार्टी कांग्रेस इसमें नेतृत्व चाह रही है तो दूसरी तरफ शरद पवार, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी लाईन में खड़े हैं. फिलहाल इस गठबंधन की मुश्किल नीतीश कुमार और ममता बनर्जी को लेकर है. नीतीश कुमार गठबंधन से अलग जाते हुए जी-20 में राष्ट्रपति के डिनर पार्टी में शामिल होकर पीएम नरेन्द्र मोदी से मिलते हैं तो दूसरी तरफ ममता बनर्जी से जब श्रीलंका में राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने पूछा कि क्या आप विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व कर रही हैं तो ममता ने कहा कि यह लोगों और विपक्ष के रुख पर निर्भर करता है. इस तरह से नीतीश कुमार और ममता बनर्जी को लेकर गठबंधन में मुश्किलें आ रही है.
I.N.D.I.A की कोऑर्डिनेशन कमेटी की दिल्ली बैठक में क्या रहा खास ?
इस मीटिंग में लोकसभा चुनाव 22024 के लिए नेताओं ने जल्द सीट बंटवारे का फॉर्मूला मांगा है. लोकसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ एक संयुक्त विपक्ष का उम्मीदवार खड़ा किया जाए, इसपर विचार करने का प्रस्ताव नेताओं ने दिया. इस बैठक में TMC शामिल नहीं हुआ, क्योंकि पार्टी के नेता अभिषेक बनर्जी को ED ने समन किया था. इंडिया गठबंधन के सूत्रों के मुताबिक चुनाव और प्रचार का रोडमैप बनाने के लिए राज्यों को 4 श्रेणी में बांटा गया है. पहली श्रेणी में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र और कर्नाटक शामिल किए गए हैं. पहली श्रेणी के पांचों राज्यों में गठबंधन की ताकत और साझा रणनीति के हिसाब से फोकस रहेगा. इन पांच राज्यों में 212 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें 180 से अधिक भाजपा के पास हैं. दूसरी श्रेणी में राजस्थान, मप्र, गुजरात, हिमाचल, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य हैं, जहां लड़ाई कांग्रेस-भाजपा के बीच है और इनके लिए रणनीति राष्ट्रीय मुद्दों और प्रदेश की समस्याओं को मिलाकर बनेगी. तीसरी श्रेणी में ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना हैं, जहां उन दलों की सरकार है जो NDA या I.N.D.I.A किसी के साथ नहीं हैं. चौथी श्रेणी में वे राज्य हैं, जहां विपक्षी गठबंधन के दलों में मुकाबले की स्थिति बन सकती है, जैसे- पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, केरल और गोवा. अब सीट शेयरिंग का फॉर्मूला भी राज्यों की स्थिति के अनुसार ही तय होगा.
दिल्ली : डॉ. निशा सिंह
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