न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र की आम सभा को सम्बोधित करते हुआ कहा कि भारत को कब तक संयुक्त राष्ट्र की डिसीजन मेकिंग बॉडी से बाहर रखा जाएगा। मोदी ने सवाल किया कि आखिर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र देश भारत को कैसे अब तक बाहर रखा गया है.
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रियाओं में बदलाव, व्यवस्थाओं में बदलाव और स्वरूप में बदलाव आज समय की मांग है. उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व समुदाय के सामने एक बहुत बड़ा सवाल है कि जिस संस्था का गठन तब की परिस्थितियों में हुआ था, उसका स्वरूप क्या आज भी प्रासंगिक है?
पीएम मोदी ने कोरोना वायरस के हालात पर चर्चा की और कहा कि भारत की वैक्सीन प्रोडक्शन और वैक्सीन डिलीवरी क्षमता पूरी मानवता को इस संकट से बाहर निकालने के लिए काम आएगी.
पीएम मोदी के भाषण की अहम् बातें :
भारत अपने गांवों के 150 मिलियन घरों में पाइप से पीने का पानी पहुंचाने का अभियान चला रहा है. कुछ दिन पहले ही भारत ने अपने 6 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्ट करने की बहुत बड़ी योजना की शुरुआत की है। भारत की आवाज मानवता, मानव जाति और मानवीय मूल्यों के दुश्मन- आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स, मनी लॉन्डरिंग के खिलाफ उठेगी. विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के तौर पर आज मैं वैश्विक समुदाय को एक और आश्वासन देना चाहता हूं. भारत की वैक्सीन प्रोडक्शन और वैक्सीन डिलीवरी क्षमता पूरी मानवता को इस संकट से बाहर निकालने के लिए काम आएगी। महामारी के इस मुश्किल समय में भी भारत की फार्मा इंडस्ट्री ने 150 से अधिक देशों को जरूरी दवाइयां भेजीं हैं.. संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रियाओं में बदलाव, व्यवस्थाओं में बदलाव, स्वरूप में बदलाव, आज समय की मांग है.
पीएम मोदी बोले ‘ये बात सही है कि कहने को तो तीसरा विश्व युद्ध नहीं हुआ, लेकिन इस बात को नकार नहीं सकते कि अनेकों युद्ध हुए. पूरा विश्व कोरोना महामारी से निपट रहा है. आज गंभीर आत्ममंथन की जरूरत है.