खेल डेस्क
भारत ने इंटरनेशनल हॉकी में जोरदार वापसी की है. हॉकी में भारत का लंबा इतिहास रहा है, लेकिन 1980 के बाद से भारत ने ओलंपिक खेलों में कोई मेडल नहीं जीता था. लेकिन आज टोक्यो ओलंपिक में भारत ने ब्रॉन्ज मेडल के साथ दिखा दिया है कि वह इस खेल में फिर से बादशाहत कायम करने का माद्दा रखता है. भारतीय टीम 1980 में मॉस्को ओलंपिक में गोल्ड जीतने के बाद इस खेल से कोई ओलंपिक पदक नहीं ला पाया था.
ओलंपिक हॉकी में भारत को अब तक 8 गोल्ड, 1 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज मेडल मिला है.
41 साल बाद भारत ने हॉकी का ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया है. इसके साथ ही ओलंपिक हॉकी में भारत के मेडल की संख्या 12 हो गई है. इनमें 8 गोल्ड, एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं. भारत ने जर्मनी को 5-4 से हराया. भारत के लिए यह शानदार जीत है. भारत को 41 साल बाद ओलंपिक में हॉकी का मेडल मिला है. भारत की बेहतरीन जीत हुई है. भारत ने इतिहास रच दिया है. भारत इस पूरे सफर के दौरान अपने से कम रैंक की टीम से मुकाबला नहीं हारी है. भारतीय हॉकी टीम ने 1972 में लगातार 10वां मेडल जीता था. इसके बाद 1976 के मॉन्ट्रियाल में ओलिंपिक खेल आयोजित हुए जहां पहली बार ऐसा मौका आया जब भारतीय हॉकी टीम इन खेलों से खाली हाथ वापस लौटी. टीम 1976 में कोई मेडल नहीं जीत पाई, लेकिन इसकी कसर उन्होंने मॉस्को में गोल्ड जीतकर पूरी की.
गोल्ड मेडल के बिना 3 ओलिंपिक खेलने के बाद भारतीय टीम का इंतजार साल 1980 मास्को में खत्म हुआ. यानी 16 साल बाद भारत एक बार फिर दुनिया को अपना दम दिखाने में कामयाब हो गया था.