विपक्षी मुहिम को झटका, महागठबंधन से अलग हुई मांझी की पार्टी हम, दबाव में नीतीश

दिल्ली: विशेष संवाददाता

बिहार में विपक्षी मुहिम को झटका लगा है. जीतन राम मांझी की पार्टी से महागठबंधन से अलग हो गई है. बिहार में तोड़ -जोड़ करके सरकार चला रहे नीतीश कुमार अब दबाब में दिख रहे हैं. आखिरकार आज जीतन राम मांझी ने घोषणा कर दी है कि उनकी पार्टी हम, अब महागठबंधन से अलग हो गयी है. हालांकि एनडीए में शामिल होने पर फैसला अभी किया जाना है.

जीतन राम मांझी ने कहा कि वो जल्द ही दिल्ली में अमित शाह और जे पी नड्डा सहित बीजेपी के बड़े नेता से मिलेंगे. इधर एक तरफ विपक्षी एकता को मजबूत करना तो दूसरी तरफ सरकार में शामिल महागठबंधन की पार्टियों का दबाब अब नीतीश कुमार के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. लोकसभा चुनाव-2024 में मोदी के विजय रथ को रोकने की रणनीति के तहत फ़िलहाल नीतीश विपक्ष के तमाम बड़े नेता से मिल रहे हैं. इसी क्रम में 20 जून को नीतीश कुमार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन से मिलने वाले हैं. माना जा रहा है कि स्टालिन राजनीतिक नफा-नुकसान को देखते हुआ विपक्षी टीम में शामिल नहीं होना चाहते हैं, फिर भी नीतीश कुमार कोशिश में हैं कि किसी तरह इन्हें लाया जाए ताकि दक्षिण भारत में बीजेपी के रथ को रोका जा सके.

बता दें कि पटना में 23 जून को नीतीश कुमार के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं की बैठक होने जा रही है. बिहार कांग्रेस का दावा है कि इस बैठक के बाद बिहार मंत्रीमंडल का विस्तार होगा, जिसमें कांग्रेस के कोटे से दो मंत्री बनेंगे और आरजेडी कोटे से भी कुछ लोग मंत्रीमंडल में शामिल हो सकते हैं. जीतन राम मांझी के अलग होने से उनके मंत्री पुत्र संतोष सुमन की जगह मांझी की जाति से आने वाले जेडीयू विधायक रत्नेश सदा को मंत्री बनाया गया है. इसके बाद कांग्रेस और राजद की तरफ से मांग तेज हो गयी है कि उनके कोटे के भी मंत्री बनाए जाएं, जिससे नीतीश कुमार दबाव में हैं.

आपको बता दें कि बिहार में नई गठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही कांग्रेस अपनी संख्या के हिसाब से लगातार दो और मंत्री बनाने की मांग कर रही है. अभी नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में कांग्रेस कोटे से दो मंत्री शामिल हैं. पिछले दिनों जब कांग्रेस की ओर से दबाव बढा तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कहा कि मंत्रिमंडल में कांग्रेस और आरजेडी को और कितनी सीटें मिलेंगी, इसका जबाब तेजस्वी यादव देंगे. तेजस्वी यादव ने इसका जबाब भी दे दिया और कहा था कि कांग्रेस को एक मंत्री पद और मिल सकता है. इधर बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा है कि 23 जून की बैठक के बाद बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, जिसमें कांग्रेस के कोटे से दो और मंत्री बनेंगे, जिससे मंत्रिमंडल में उनकी संख्या चार हो जाएगी.

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