Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) की टीम सर्वे का काम तेजी से कर रही है. सर्वे का 38वां दिन है और 6 अक्तूबर 2023 तक सर्वे करके रिपोर्ट अदालत में दाखिल करनी है. बारीकी से तमाम प्रमाणों की स्कैनिंग की जा रही है और इसकी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पहले ही रिकॉर्ड की जा चुकी है.
Gyanvapi ASI Survey: वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) की टीम के सर्वे का 38वां दिन है. पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के अनुसार दोनों पक्षों और उनके अधिवक्ताओं की मौजूदगी में सर्वे का काम शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है. वाराणसी जिला न्यायालय की ओर से चार सप्ताह का समय मिलने के बाद टीम नई तैयारियों के साथ उतरी है. सर्वे को पूरा करने के लिए विभिन्न पहलुओं पर जांच की जा रही है. एएसआई को अब 6 अक्तूबर 2023 तक सर्वे करके रिपोर्ट अदालत में दाखिल करनी है. एएसआई ने सर्वे की समय सीमा आठ सप्ताह आगे बढ़ाने की अर्जी दी थी, लेकिन जिला जज की अदालत ने चार सप्ताह ही आगे बढ़ाई है. हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, लेकिन कोई राहत नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज के आदेश को बरकरार रखा. लिहाजा, चार अगस्त से ज्ञानवापी का सर्वे दोबारा शुरू हो गया.
एएसआई की टीम ज्ञानवापी में अब तक हुए सर्वे की रिपोर्ट तैयार करेगी. वजूस्थल को छोड़कर संपूर्ण परिसर के Gyanvapi ASI Survey में जुटी टीम अब तक 220 घंटे का सर्वे पूरा कर चुकी है. सर्वे में वाराणसी, पटना, कानपुर, दिल्ली और हैदराबाद की टीमें शामिल हैं. अब तक ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वे के लिए स्थानों का निर्धारण हो चुका है. ASI मानकों पर सर्वे की अग्रिम कार्रवाई पूरी कर रही है. इस दौरान वाराणसी जिला जज की अदालत ने सभी पक्ष और अधिकारियों को इस मामले में बयानबाजी और टिप्पणी नहीं करने का आदेश दिया है.
आपको बता दें कि ज्ञानवापी परिसर को 4 सेक्टर में बांटकर चारों तरफ कैमरे लगाए हैं. वीडियोग्राफी की जा रही है. ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार पर सबसे ज्यादा फोकस करते हुए बारीक स्कैनिंग जारी है. पूरे परिसर की पैमाइश, अंदर मिलने वाली आकृतियों और दीवारों की कलाकृतियों की फोटो और वीडियोग्राफी हो चुकी है.
शार्प वे न्यूज नेटवर्क