पटना : मुन्ना शर्मा
दिल्ली विश्वविद्यालय की तरह बिहार के विश्वविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों को मानदेय मिलने का रास्ता साफ हो गया है. बिहार की नयी सरकार ने इस मामले पर काम करना शुरू कर दिया है. वर्तमान में चल रहे बिहार विधान सभा सत्र में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि इस मामले में आगे की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. अभी तक अतिथि शिक्षकों का मानदेय अधिकतम 25 हजार निर्धारित था, जिसे बढाकर अब 50 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है. यानी अतिथि शिक्षकों को अब प्रति व्याख्यान 1500 और अधिकतम 50,000 रुपए मिलेंगे.
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों के लिए मानदेय का भुगतान एक माह में शुरू हो जाएगा. राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के प्रावधान के अनुसार राज्य के विश्वविद्यालयों के तहत संचालित अंगीभूत व संबंद्ध महाविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों को प्रति व्याख्यान 1500 रुपये, अधिकतम 50 हजार रुपये दिए जाने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. चौधरी ने विधान परिषद में भोजनावकाश के बाद वीरेंद्र नारायण यादव के ध्यानाकर्षण के उत्तर के दौरान ये जानकारी दी. प्रश्नकर्ता ने इसे लागू करने के लिए समय-सीमा निर्धारित करने का अनुरोध किया. इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसे एक माह में लागू कर दिया जाएगा.
देश में 813 विश्वविद्यालय और लगभग 42,338 हजार कॉलेज हैं, जिसमें लाखों गेस्ट टीचर्स अलग-अलग विभागों में अध्यापन कार्य कर रहे हैं. 7वें वेतन आयोग के मद्देनजर जिस तरह से स्थायी एवं तदर्थ शिक्षकों के वेतन में वृद्धि हुई, उसके मुकाबले अब तक अतिथि शिक्षकों (गेस्ट टीचर्स) का मानदेय नहीं बढ़ाया गया है. अतिथि शिक्षकों को कोई टीए/डीए भी नहीं मिलता है.