पटना : वरिष्ठ संवाददाता
उत्तर व दक्षिण बिहार के बीच पटना के गंगा नदी पर बने महात्मा गांधी सेतु के निकट प्रस्तावित समानांतर पुल का निर्माण अगले महीने शुरू हो जाएगा। लगभग 14.5 किमी लंबे इस चार लेन पुल और उसके पहुंच पथ का निर्माण कार्य 1794.37 करोड़ की लागत से अगले महीने अप्रैल में प्रारम्भ होने की संभावना है। 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने गंगा नदी पर 5.634 किलोमीटर लंबे चार लेन के पुल की निर्माण परियोजना को मंजूरी दी थी। बिहार की राजधानी में 2,926.42 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह पुल एनएच 19 पर बनेगा। परियोजना के निर्माण की अवधि साढ़े तीन साल की होगी और इसके जनवरी 2023 में पूरा होने की संभावना है.
राज्यसभा में भाजपा सदस्य सुशील कुमार मोदी के सवाल के जवाब में केंद्रीय सड़क,परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने यह जानकारी दी। गडकरी ने बताया कि बिहार के पटना में राष्ट्रीय राजपथ -19 पर गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के समानांतर नया चार लेन पुल और इसके पहुंच मार्ग के निर्माण के लिए 2926.42 करोड़ की लागत स्वीकृत की गई थी।
प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1.40 लाख करोड़ के बिहार पैकेज के तहत पीएम ने पिछले साल इस परियोजना का शिलान्यास किया गया था। गडकरी ने बताया कि इस परियोजना को पिछले साल 04 सितम्बर 2020 को 1794.37 करोड़ की लागत पर अवार्ड किया गया और 12 अक्टूबर, 2020 को अनुबन्ध भी कर लिया गया। कहा कि पर्यावरण और अन्य स्वीकृतियों में देरी के कारण ठेकेदारों को कार्यारम्भ करने की निश्चित तिथि नहीं बताई गई है, मगर अप्रैल 2021 से कार्यारम्भ होने की संभावना है।
अभी महात्मा गांधी सेतु पटना से वैशाली जिला को जोड़ने को लिये गंगा नदी पर उत्तर-दक्षिण की दिशा में बना एक पुल है। यह दुनिया का सबसे लम्बा, एक ही नदी पर बना सड़क पुल है। इसकी लम्बाई 5,750 मीटर है। भारत की प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने इसका उद्घाटन मई 1982 में किया था। गंगा नदी पर बने महात्मा गांधी सेतु की पूर्वी लेन की मरम्मत का काम निर्धारित समय से पहले पूरा कर लिये जाने की उम्मीद जताई जा रही है। यूं तो एजेंसी के पास इस काम को पूरा करने के लिए फरवरी 2022 तक का वक्त है।
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो जनवरी 2022 से पहले यानी इसी वर्ष इस लेन का सुपर स्ट्रक्चर जंगरोधी स्टील से तैयार हो जाएगा। आपको बता दें कि पटना के इस गंगा पुल पर लगने वाला जाम एक बड़ी समस्या है। कई घंटों तक लोग यहां जाम में फंसे रहते हैं. त्योहारों के समय तो हालत और बुरी हो जाती है। पिछले कई साल से पुल के एक हिस्से के कमज़ोर होने की वजह से इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों को अक्सर जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। ये पुल उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है. नेपाल और भूटान का कारोबार भी इसी संपर्क के माध्यम से होता है.