दिल्ली : डॉ. निशा सिंह
देश में बढ़ती महंगाई के बीच गरीबों के लिए आज सरकार बड़ी राहत है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने अब इस साल सितंबर तक 80 करोड़ आबादी को मुफ्त में राशन देने का फैसला किया. कोरोना महामारी की शुरुआत होने पर वर्ष 2020 के अप्रैल में गरीबों को मुफ्त में राशन देने के लिए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की थी ताकि महामारी के दौरान गरीबों का भोजन सुनिश्चित किया जा सके.
भारतवर्ष का सामर्थ्य देश के एक-एक नागरिक की शक्ति में समाहित है। इस शक्ति को और मजबूती देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को छह महीने और बढ़ाकर सितंबर 2022 तक जारी रखने का निर्णय लिया है। देश के 80 करोड़ से अधिक लोग पहले की तरह इसका लाभ उठा सकेंगे। pic.twitter.com/gasprUJIhK
— Narendra Modi (@narendramodi) March 26, 2022
इस योजना की शुरुआत सीमित अवधि के लिए की गई थी, लेकिन लोगों की जरूरतों को देखते हुए इसकी समय सीमा बढ़ती चली गई. इस साल 31 मार्च को मुफ्त राशन की इस योजना की अवधि समाप्त हो रही थी. यूक्रेन की वजह से बढ़ रही महंगाई को देखते हुए सरकार ने गरीबों से जुड़ी अन्न योजना को जारी रखने का फैसला किया है ताकि उन पर अनाज खरीदने का आर्थिक भार नहीं आए.
इस योजना से इस साल अप्रैल से सितंबर तक 80 करोड़ जनता को मुफ्त में राशन देने से सरकार पर 80,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ आएगा. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल, 2020 से लेकर इस साल मार्च तक सरकार 2.60 लाख करोड़ रुपए का खर्च कर चुकी है. इस प्रकार खाद्य सुरक्षा से जुड़ी दुनिया की सबसे बड़ी योजना पर सरकार इस साल सितंबर तक 3.40 लाख करोड़ रुपए खर्च कर देगी.
आपको बता दें कि गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लाभार्थी को उनके सामान्य कोटे के अलावा प्रति व्यक्ति पांच किलो मुफ्त राशन दिया जाता है. इस योजना से प्रति परिवार को लगभग दोगुना राशन मिल रहा है. इस योजना के तहत इस साल मार्च तक 759 लाख टन अनाज का मुफ्त में वितरण हो चुका है. अप्रैल से सितंबर तक मुफ्त राशन वितरण के लिए और 244 लाख टन अनाज का आवंटन किया गया है. सबसे खास बात है कि एक राष्ट्र एक राशन कार्ड स्कीम के तहत कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी कोने में इस योजना का लाभ ले सकता है.