दिल्ली: विशेष संवाददाता
पिछले करीब 11 महीने से गाजियाबाद-दिल्ली सड़क पर बैठे किसानों ने सड़क को खाली कर दिया है. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अब हम दिल्ली में पार्लियामेंट जाएंगे जहां पर कानून बनता है. टिकैत ने कहा अब दिल्ली में संसद पर जाकर धरना देंगे. आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रास्ता रोकना गलत है और हम उनका (सुप्रीम कोर्ट का) सम्मान करते हैं, इसलिए अपना रास्ता खोल रहे हैं ताकि लोगों को दिक्कत न हो. हमारी अपील है कि दिल्ली पुलिस रास्ता खोले. इस एलान के बाद यूपी और दिल्ली पुलिस मुस्तैद हो गई है. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने दिल्ली आने वाला रास्ता बंद किया हुआ है. राकेश टिकैत अपने समर्थक किसानों के साथ न सिर्फ बैरिकेडिंग हाटने में जुटे हुए हैं, बल्कि सड़क पर मौजूद टैंटों को भी हटाया जा रहा है. एनएच -24 (दिल्ली -गाजीपुर) सड़क के खुल जाने से गाजियाबाद की ओर से दिल्ली जाने वाले लोगों को काफी राहत मिलेगी. इतना ही नहीं जो लोग राजनगर एक्सटेंशन से एलिवेटेड रोड इस्तेमाल कर दिल्ली आते थे अब उसके खुलने की उम्मीद भी बढ़ गई है.
बता दें कि किसान आंदोलन के चलते बाधित दिल्ली की सड़कों को खोलने के लिए आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की ओर से कोई भी आदेश नहीं दिया गया है. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिसंबर के लिए सुनवाई टाल दी. आज सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों को याचिका की कॉपी सौंपने का निर्देश भी दिया.
आपको बता दें कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर और गाजीपुर) पर 27 नवंबर से ही किसान प्रदर्शनकारी जमा हैं. किसानों का कहना है कि जब तक तीनों कानून वापस नहीं ले लिए जाते तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा.