इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाया, CJI बोले- बड़े चंदे सीक्रेट रखना असंवैधानिक

Electoral Bonds Scheme Verdict

दिल्ली : शार्प वे न्यूज़ नेटवर्क

Electoral Bonds Scheme Verdict: चुनावी बॉन्ड के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाया। इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है चंदा की जानकारी अधिकृत वेबसाइट पर दर्ज करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनावी बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक करार देते हुए तत्काल प्रभाव से इस पर रोक लगा दी. कोर्ट ने कहा कि यह स्कीम RTI का उल्लंघन है. इतना ही नहीं उच्चतम अदालत ने एसबीआई से 6 मार्च तक चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को किसी अन्य विकल्प पर विचार करे ।सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की आलोचना करते हुए कहा कि राजनीतिक पार्टियों को हो रही फंडिंग की जानकारी मिलना बेहद जरूरी है. कोर्ट ने तीन सप्ताह के भीतर इस मामले की जानकारी देने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर अपने फैसले में कहा कि कहा इलेक्टोरल बॉन्ड सूचना के अधिकार का उल्लंघन है। बड़े चंदे सीक्रेट रखना असंवैधानिक, है और हर चंदा हित साधने के लिए नहीं हो सकता है। कोर्ट ने कहा है कि लोगों को भी इस बारे में जानने का अधिकार है. बड़े चंदे गोपनीय रखना असंवैधानिक है. चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाया । भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने पिछले साल दो नवंबर को मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया।

योजना के अनुसार, चुनावी बॉन्ड भारत के किसी भी नागरिक या देश में स्थापित ईकाई द्वारा खरीदा जा सकता है। कोई भी व्यक्ति अकेले या अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर चुनावी बॉन्ड खरीद सकता है।इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मामले में 31 अक्तूबर से नियमित सुनवाई शुरू की थी। मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने की। इसमें न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। इस दौरान पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से दलीलें दी गईं। कोर्ट ने सभी पक्षों को गंभीरता से सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था ।

जानिए क्या है चुनावी बॉन्ड योजना के बारे में ?

चुनावी बॉन्ड योजना को केंद्र सरकार ने दो जनवरी 2018 को अधिसूचित किया गया था। इसके मुताबिक, चुनावी बॉण्ड को भारत के किसी भी नागरिक या देश में स्थापित इकाई की ओर से खरीदा जा सकता है। कोई भी व्यक्ति अकेले या अन्य व्यक्तियों के साथ संयुक्त रूप से चुनावी बॉण्ड खरीद सकता है। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत पंजीकृत ऐसे राजनीतिक दल चुनावी बॉण्ड के पात्र हैं। शर्त बस यही है कि उन्हें लोकसभा या विधानसभा के पिछले चुनाव में कम से कम एक प्रतिशत वोट मिले हों। आपको बता दें कि चुनावी बॉण्ड को किसी पात्र राजनीतिक दल द्वारा केवल अधिकृत बैंक के खाते के माध्यम से भुनाया जाएगा।

Jetline

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