न्यूज डेस्क
बिहार के न्यायालयों में ई-सेवा केंद्र शुरू हो गया है और लोग अब ई-सेवा केंद्रों के माध्यम से सुदूर ग्रामीण इलाकों में भी अपने मुकदमे के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. फिलहाल इसे तीन न्यायालयों- पटना हाईकोर्ट, पटना सिविल कोर्ट और मसौढ़ी पंचायत के लखनौर गांव में शुरू किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस डॉ. डी वाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को इन तीनों न्यायालयों में ई-सेवा केंद्रों का उद्घाटन वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा किया.
ई-सेवा केंद्रों की स्थापना से सरल और शीघ्र फैसला होगा
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कोरोना काल में हम सभी को तमाम चुनौतियों के बीच एकजुट होकर आगे बढ़ना है. कागजी तामझाम को छोड़कर तकनीक के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया का निपटाना है, इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर ई-सेवा केंद्रों की स्थापना देशभर में की जा रही है. बिहार में अभी तीन ई-सेवा केंद्रों की शुरूआत की गई है, लेकिन जल्द ही राज्य के अन्य जिलों में भी इसकी स्थापना की जाएगी ताकि लोगों को शीघ्र और सस्ता न्याय सुलभ हो सके.
कोरोना काल में बिहार की निचली अदालतों में 5.4 लाख मुकदमे दर्ज हुए
जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताया कि बिहार की निचली अदालतों में 1004 केस पिछले 30 सालों से लंबित हैं. दरभंगा की अदालत में एक केस 157/52 पिछले 69 वर्षों से लंबित है तो मोतिहारी के सीजेएम कोर्ट में एक मुकदमा 48 वर्षों से लंबित है. उन्होंने यह भी कहा कि पिछले एक साल के कोरोना काल में बिहार की निचली अदालतों में कुल 5.4 लाख मुकदमे दर्ज हुए हैं, जिनमें 2.37 लाख का निपटारा हुआ. उन्होंने कहा कि ये बातें आलोचना के लिए नहीं की जा रही है, बल्कि बिहार के संदर्भ में इन आंकड़ों को इसलिए प्रस्तुत किया जा रहा है, ताकि सही तरीके से मॉनेटरिंग हो सके और लंबित मामलों को निपटाया जा सके.