न्यूज डेस्क
हिन्दी सिनेमा के मशहूर अभिनेता और बॉलीवुड में ‘ट्रेजिडी किंग’ के नाम से मशहूर दिलीप कुमार का 98 साल की उम्र में निधन हो गया है. वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे. 29 जून को सेहत बिगड़ने और सांस लेने में तकलीफ के कारण के बाद उन्हें हिन्दुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था और आज, 7 जुलाई को सुबह 7.30 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली.
आज मुंबई के सांताक्रूज कब्रिस्तान में होगा अंतिम संस्कार
दिलीप कुमार पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे और उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. हालांकि दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो ने एक दिन पहले बताया था कि उनकी सेहत में सुधार हो रहा है, लेकिन आज सुबह उनका निधन हो गया. उनके पारिवारिक मित्र फैजल फारुखी ने आज दिलीप कुमार के ट्विटर से ही उनके निधन की जानकारी दी. उन्होंने लिखा- बहुत भारी दिल से ये कहना पड़ रहा है कि अब दिलीप साब हमारे बीच नहीं रहे. दिलीप कुमार के डॉक्टर जलील पारकर ने उनके निधन (Dilip Kumar Death) की खबर की पुष्टि की है. दिलीप कुमार का अंतिम संस्कार आज मुंबई के सांताक्रूज कब्रिस्तान में किया जाएगा. उनके परिवार में पत्नी सायरा बानो हैं, जिनसे 1966 में दिलीप कुमार ने शादी की थी. उनके आखिरी समय तक सायरा बानो उनके साथ रहीं. इन दोनों की कोई संतान नहीं है.
बेहतरीन था दिलीप कुमार का फिल्मी सफर
दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान था, जिन्हें बॉलीवुड का ‘ट्रेजिडी किंग’ कहा जाता है. उन्हें हिंदी सिनेमा में The First Khan के नाम से भी जाना जाता है. उनका जन्म अविभाजित भारत के पेशावर में 11 दिसंबर, 1922 को हुआ था. उन्होंने साल 1944 में फिल्म ‘ज्वार भाटा’ से बॉलिवुड डेब्यू किया था, जिसे बॉम्बे टॉकीज ने प्रोड्यूस किया था. पांच दशक के एक्टिंग करियर में उन्होंने 65 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. अंदाज (1949), आन (1952), दाग (1952), देवदास (1955), आजाद (1955), मुगल ए आजम (1960), गंगा जमुना (1961), राम और श्याम (1967) उनकी कुछ श्रेष्ठ फिल्में थीं. हालांकि 1976 में दिलीप कुमार ने काम से पांच साल का लंबा ब्रेक लिया. 1981 में उन्होंने क्रांति फिल्म से फिर से वापसी की. इसके बाद शक्ति (1982), मशाल (1984), करमा (1986), सौदागर (1991) जैसी फिल्मों में बेहतरीन अभिनय किया. उनकी आखिरी फिल्म किला थी, जो 1998 में रिलीज हुई.