नई दिल्ली : डॉ. निशा सिंह
सरदार पटेल नहीं होते तो भारत का मानचित्र वह नहीं होता, जो आज है. आजादी के बाद भारत के पुनर्निमाण में बहुत सारे नेताओं का योगदान है, लेकिन 1947 और 1950 के बीच जो योगदान लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का है, वह अतुलनीय है. केंद्रीय संस्कृति और विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने सरदार पटेल के जीवन और भारत के एकीकरण के उनके महान कार्य पर आधारित फोटो प्रदर्शनी “सरदार पटेल- एकीकरण के शिल्पी” के उद्घाटन पर कही. बता दें कि संस्कृति मंत्रालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् (आईसीएचआर) द्वारा नई दिल्ली में आयोजित यह प्रदर्शनी सरदार पटेल के जन्मदिन, 31 अक्तूबर तक चलेगी.
इस अवसर पर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को लाल किले से अपने भाषण में ‘पंच प्रण’ की जो बात की थी, उसमें एक प्रण एकता और अखंडता का भी है और सरदार पटेल देश की एकता और अखंडता के प्रतीक पुरुष हैं. लेखी ने कहा कि एकता का एक अर्थ राजनीतिक एकता भी है. दुनिया के जिन देशों ने खूब तरक्की की है, वह एकता और अखंडता के बल पर ही की है. उन्होंने कहा कि भारत विविधता में एकता का देश है.
इस मौके पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने प्रदर्शनी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि देश में कई स्थानों पर यह प्रदर्शनी डिजिटल स्वरूप में चल रही है, इसे कोई भी डाउनलोड कर प्रदर्शित कर सकता है. अभी तक 500 से ज्यादा लोगों और संस्थाओं द्वारा इस प्रदर्शनी को डाउनलोड किया जा चुका है. प्रदर्शनी के हिन्दी और अंग्रेजी संस्करण को इस लिंक पर क्लिक करके डाउनलोड किया जा सकता है- https://amritmahotsav.nic.in/unity-festival.htm