इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर यशोभूमि को पीएम मोदी राष्ट्र को समर्पित किया

Delhi Yashobhumi Inauguration

Delhi Yashobhumi Inauguration: पीएम नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिवस पर इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) के पहले चरण का उद्घाटन किया. यह दुनिया की सबसे बड़ी एमआईसीई सुविधाओं में एक है.

दिल्ली के द्वारका में यशोभूमि नामक इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) के पहले चरण का उद्घाटन आज पीएम नरेन्द्र मोदी ने किया. इसके साथ ही द्वारका सेक्टर 21 से सेक्टर 25 में एक नए मेट्रो स्टेशन तक दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन के विस्तार का भी उद्घाटन किया. बता दें कि देश में बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों की मेजबानी के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है और इसी के तहत यशोभूमि का विकास किया जा रहा है. यह दुनिया के सबसे बड़े एमआईसीई में से एक है.

बता दें कि द्वारका सेक्टर 25 में नए मेट्रो स्टेशन के उद्घाटन के साथ यह दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन से भी जुड़ गया है. इसके साथ ही दिल्ली मेट्रो एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर मेट्रो ट्रेनों की परिचालन गति को 90 किमी/घंटा से बढ़ाकर 120 किमी/घंटा हो गई, जिससे यात्रा का समय कम हो जाएगा. इसके बाद नई दिल्ली से यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25 तक की कुल यात्रा में लगभग 21 मिनट लगेंगे.

यशोभूमि की विशेषताएं क्या है ?

यशोभूमि अपनी विशाल क्षेत्र और अत्याधुनिक तकनीक और भवन व कला के लिए प्रतिमान के तौर पर जाना जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक 8.9 लाख वर्ग मीटर से अधिक के कुल परियोजना क्षेत्र और 1.8 लाख वर्ग मीटर से अधिक के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ यह दुनिया की सबसे बड़ी एमआईसीई (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियां) में अपनी जगह बनाएगा. इसमें 73,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बने कन्वेंशन सेंटर में मुख्य सभागार, भव्य बॉलरूम और 13 बैठक कक्ष सहित 15 सम्मेलन कक्ष शामिल हैं, जिसमें एक साथ कुल 11,000 प्रतिनिधि इकठ्ठे हो सकते हैं. मुख्य सभागार कन्वेंशन सेंटर के लिए हॉल में एक साथ लगभग छह हजार मेहमान की बैठ सकते हैं. अनोखी पंखुड़ी वाली छत वाला भव्य बॉलरूम लगभग 2,500 मेहमानों की मेजबानी कर सकता है, जिसमें एक विस्तारित खुला क्षेत्र भी है. इसमें 500 लोग एक साथ बैठ सकते हैं.

यशोभूमि दुनिया के सबसे बड़े प्रदर्शनी हॉल में से एक है. इसमें रंगोली पैटर्न का प्रतिनिधित्व करने वाले पीतल की जड़ाई के साथ टेराजो फर्श, निलंबित ध्वनि अवशोषक धातु सिलेंडर, रोशनी वाली पैटर्न वाली दीवारों के रूप में भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं. यह स्थिरता के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित करता है, क्योंकि यह 100 प्रतिशत अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग, वर्षा जल संचयन, छत पर सौर पैनलों के साथ अत्याधुनिक अपशिष्ट जल उपचार प्रणाली से सुसज्जित है. इस परिसर को सीआईआई के इंडियन ग्रीन से ग्रीन सिटीज प्लैटिनम प्रमाणन प्राप्त हुआ है.

दिल्ली : डॉ. निशा सिंह

Jetline

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