न्यूज डेस्क
कोरोना संक्रमण की रफ्तार भारत में लगातार बढ़ रहा है जिससे सरकार ने भी अपनी नीति अब बदली है. नई नीति के अनुसार सरकार ने गुरुवार को कहा कि भारत का औषधि नियामक विदेश में निर्मित टीकों के सीमित आपात इस्तेमाल के लिए आवेदन मिलने के तीन दिन के भीतर इस पर फैसला कर लेगा. केंद्रीय औषधि प्राधिकरण, सीडीएससीओ आपात स्थिति में सीमित इस्तेमाल के लिए मंजूरी हेतु पंजीकरण प्रमाणपत्रों- कोविड-19 रोधी टीका के मामले में उत्पाद और उसके पंजीकरण, निर्माण स्थल और आयात लाइसेंस के लिए आवेदन दिए जाने से तीन कामकाजी दिन के भीतर इस पर विचार कर लेगा.
बता दें कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अथवा अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन, जापान में नियामकों की मंजूरी प्राप्त कोरोना वायरस के सभी टीकों को त्वरित मंजूरी देने के फैसला किया था, जिसके बाद सीडीएससीओ ने नियामकीय मंजूरी को लेकर विस्तृत निर्देश जारी किया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विदेश में निर्मित कोविड-19 रोधी टीके के लिए नियामकीय निर्देश जारी किया. इसके मुताबिक, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार किया है जिसमें विदेश में मंजूर टीकों को लेकर विस्तृत सूचना दी गयी है. कोरोना की विदेशी दवाओं के जल्द आयात के लिए ये फैसला लिया गया है.
भारत सरकार ने मंगलवार, 13 अप्रैल को यूएसएफडीए, ईएमए, यूके एमएचआरए, पीडएमडीए जापान द्वारा मंजूर या डब्ल्यूएचओ में सूचीबद्ध कोविड-19 टीकों को अनुमति देने का फैसला किया था. मंत्रालय ने कहा कि इस फैसले से भारत में विदेशी टीकों की पहुंच हो सकेगी और थोक में दवा सामग्री को लेकर आयात तथा टीका निर्माण क्षमता को प्रोत्साहन मिलेगा और देश के भीतर टीके की उपलब्धता भी बढ़ेगी. दरअसल भारत में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले और दवाओं की किल्लत को लेकर सरकार ने ये फैसला किया है.