काम की बातें : इन लोगों को कोवैक्सीन और कोविशील्ड लेना मना है

न्यूज डेस्क

भारत में कोविशील्ड (Covishield vaccine) और कोवैक्सीन (Covaxin) नामक कोरोना वैक्सीन अब तक 6 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है जिसमें लगभग एक हजार लोगों में इसके साइड इफेक्ट देखे गए हैं. वैक्सिनेशन के बाद गंभीर साइड इफेक्ट होने से 7 में से 2 लोगों की मौत भी अबतक हो चुकी है.

कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक और कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि इन वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं इसलिए कुछ बीमारियों और लक्षणों से पीड़ित लोगों को वैक्सीन नहीं लेने की सलाह दी है.

कोवैक्सीन इन लोगों को नहीं लगवाना चाहिए- वैसे लोग जो इम्यून कॉम्प्रमाइज्ड है या ऐसी दवा लेते हैं जिससे इम्यूनिटी प्रभावित होती है, बुखार, ब्लिडिंग डिसऑर्डर है या फिर जिन लोगों को खून पतला है, जिनका एलर्जी का इतिहास है, उन्हें कोवैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए. प्रेग्नेंट और ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं को भी कोवैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए, क्योंकि वैक्सीन की स्टडी इन पर नहीं हुई है. जो लोग कोरोना वायरस की दूसरी वैक्सीन ले चुके हैं उन्हें भी कोवैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए.

कोविशील्ड इन लोगों को नहीं लगवाना चाहिए- वैसे लोग जिनको कोविशील्ड के किसी भी इनग्रेडिएंट से गंभीर एलर्जी है, उन्हें ये वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए. अगर कोविशील्ड की पहली डोज लेने पर एलर्जी की समस्या होती है तो दूसरी डोज नहीं लेनी चाहिए.

दोनों दवा कंपनियों ने फैक्ट शीट में कहा गया है कि वो अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर को अपनी स्वास्थ्य संबंधी सारी जानकारियां दें, जैसे- अपने मेडिकल कंडीशन, एलर्जी की की समस्या, बुखार, इम्यूनो कॉम्प्रोमाइज्ड या फिर आपने कोरोनावायरस की कोई और वैक्सीन ली है, आदि.

वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के बारे में दोनों कंपनियों ने अपनी-अपनी वैक्सीन के रिस्क और साइड इफेक्ट्स के बारे में बताया है, जैसे – इंजेक्शन लगने वाली जगह पर सूजन और दर्द, लाल और खुजली के लक्षण. इसके अलावा भी बाजू अकड़ना, इंजेक्शन वाली बांह में कमजोरी, शरीर में दर्द, सिरदर्द, बुखार, बेचैनी, थकान, मितली और उल्टी, आदि भी कुछ सामान्य साइड इफेक्ट्स हैं.

भारत बायोटेक के अनुसार क्लिनिकल ट्रायल में कोवैक्सिन ने चार सप्ताह बाद दिए गए दूसरी डोज से संक्रमण के खिलाफ इम्यूनिटी बनाई है. लेकिन कोवैक्सिन की क्लिनिकल एफिकेसी अभी जारी नहीं की गई है क्योंकि इस पर तीसरे चरण की स्टडी अभी जारी है.

सीरम इंस्टीट्यूट के अनुसार वैक्सीन की चार से 12 सप्ताह के बीच दी गई दो डोज से कोरोनावायरस से बचा जा सकता है. हालांकि ये वैक्सीन कब तक सुरक्षा देगी इस पर अभी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन कोविशील्ड के दूसरे डोज के 4 हफ्तों के बाद तक प्रोटेक्टिव इम्यून रिस्पॉन्स मिल सकता है.

Jetline

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