कोरोना : एक मार्च से बुजुर्गों का टीकाकरण होगा, बच्चों का ट्रायल भी शुरू नहीं हुआ है

नई दिल्ली – संवाददाता

देश में कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण 01 मार्च से शुरू होगा, जिसमें 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 45 साल से अधिक उम्र के बीमारी से ग्रस्त लोगों को टीका लगाया जाएगा. तीसरे चरण का टीकाकरण अभियान सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ बड़े पैमाने पर निजी अस्पतालों के जरिए भी शुरू किया जाएगा. एक मार्च से पैसे देकर भी टीका लगवाया जा सकता है. लेकिन अभी बच्चों का टीकाकरण नहीं किया जाएगा, क्योंकि अब तक बच्चों के लिए एक भी टीका का ट्रायल नहीं हुआ है. राष्ट्रीय ड्रग्स कंट्रोलर ने बच्चों पर कोरोना वायरस की वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल करने की अब तक अनुमति नहीं दी है. हालांकि भारत बायोटेक ने बच्चों के लिए यानी 18 साल से कम उम्र के लोगों पर अपनी वैक्सीन का टेस्ट करने के लिए सरकार से मंजूरी मांगी है.

बुजुर्ग का शुल्क और निःशुल्क दोनों तरह से टीकाकरण

पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को बुजुर्गों और बीमारों के टीकाकरण का निर्णय लिया गया. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद एवं सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि लोगों के पास यह विकल्प होगा कि वे टीकाकरण के लिए निजी या सरकारी अस्पतालों का चयन कर सकें. 10,000 सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों एवं 20,000 निजी अस्पतालों में दूसरे चरण का टीकाकरण अभियान चलेगा, हालांकि निजी अस्पतालों में टीका लगवाने पर शुल्क चुकाना होगा. इस शुल्क की राशि सरकार अगले तीन-चार दिनों में तय करेगी. इसके लिए सरकार टीका निर्माता कंपनियों, अस्पतालों से बातचीत करेगी, जबकि सरकारी केंद्रों में टीका नि:शुल्क लगाया जाएगा.

45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए बीमारियों की लिस्ट जारी की जाएगी

45 साल से अधिक उम्र के किन बीमारियों के लोगों को कोरोना टीका लगाया जाएगा, इसके लिए भी जल्द ही बीमारियों की एक सूची भी जारी की जाएगी. केंद्र सरकार ने 16 जनवरी से देश में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए टीकाकरण अभियान का पहला चरण शुरू किया था. 02 फरवरी से दूसरे चरण की शुरुआत की गई, जिसमें अंग्रिम पंक्ति के कार्मिकों का टीकाकरण आरंभ किया गया. पहले चरण में एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी शामिल हुए, जबकि दो करोड़ अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता थे. अब तीसरे चरण में 27 करोड़ लोगों के टीकाकरण का अनुमान है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मंत्री पैसे देकर टीके लगवाएंगे, यानी निजी अस्पतालों में जाएंगे.

18 वर्ष तक के बच्चों का अभी टीकाकरण नहीं, क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने की तैयारी

18 वर्ष तक के बच्चों का अभी टीकाकरण नहीं होगा, क्योंकि अभी तक इनपर क्लिनिकल ट्रायल ही नहीं हुआ है. राष्ट्रीय ड्रग्स नियामक सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन को बुधवार को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इंटरनेशनल द्वारा एक आवेदन प्राप्त हुआ, जिसमें 5 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए ‘कोवैक्सीन’ के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी की मांग की गई है. बच्चों पर कोवैक्सिन का परीक्षण करने की अनुमति देने से पहले विशेषज्ञ समिति वयस्कों के ट्रायल का डेटा और उसके असर को देखेगी और उसके बाद ट्रायल की अनुमति देगी.

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