कोविशील्ड वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में 400 और प्राइवेट में 600 रुपए की एक डोज मिलेगी

कार्यालय संवाददाता

देश में लगातार चौथे दिन ढाई लाख से ज्यादा नए कोरोना केस आए हैं. अबतक कुल 27 करोड़ से ज्यादा कोरोना सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 16 लाख सैंपल कल टेस्ट किए गए. रोजाना पॉजिटिविटी रेट 18 फीसदी से ज्यादा है. देशभर में 13 करोड़ कोरोना टीके लगाए जाने के बावजूद महामारी का संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर दिन कोरोना के आंकड़े नया रिकॉर्ड कायम कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 295,041 नए कोरोना केस आए और 2,023 संक्रमितों की जान चली गई है. हालांकि 1,67,457 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं. इससे पहले शनिवार को 259,167 नए केस आए थे.

इधर भारत सरकार के निर्देशों के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशील्ड वैक्सीन की कीमतों की घोषणा कर दी है. राज्य सरकारों के लिए कोविशील्ड वैक्सीन की प्रति डोज की कीमत 400 रुपये और प्राइवेट अस्पतालों के लिए प्रति डोज की कीमत 600 रुपये होगी. अब तक बाजार में वैक्सीन उपलब्ध नहीं है और वैक्सीन निर्माता कंपनियां केंद्र सरकार को 250 रुपए प्रति डोज बेच रही है. अब सरकारी अस्पताल में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोग 400 रुपए देकर तो प्राइवेट अस्पताल में 600 रुपए देकर वैक्सीन लगवा सकते हैं.

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने आगे कहा कि कंपनी वैक्सीन की कुल उत्पादन का 50% भारत सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम को देगी और शेष 50 फीसदी वैक्सीन राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों के लिए होगी. बता दें कि अब तक सिर्फ भारत सरकार ही टीका खरीद रही थी, मगर अब राज्य सरकार भी टीके को खरीद सकेगी.

बीते दिनों पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दो दिन पहले हुई मीटिंग में यह फैसला लिया गया कि 1 मई से देश भर में कोरोना टीकाकरण का तीसरा राउंड शुरू हो रहा है, जिसमें युवाओं को भी कवर किया जाएगा. अब तक 45 साल से अधिक आयु के लोगों को ही टीका लगाया जा रहा था. हालांकि दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ओर से युवाओं को भी टीका लगाए जाने की मांग की थी. पीएम नरेंद्र मोदी की देश के शीर्ष डॉक्टरों के साथ विचार मंथन के बाद यह फैसला लिया गया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार बीते एक साल से प्रयास कर रही है कि देश में ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को कम से कम समय में वैक्सीन दी जा सके.

इस मीटिंग में एक अहम फैसला यह भी हुआ है कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अपने कुल उत्पादन का 50 फीसदी हिस्सा राज्य सरकारों को देंगी, जबकि आधी खेप खुले बाजार में पहले से तय कीमत पर बेच सकेंगी. यही नहीं राज्य सरकारें अपनी जरूरत के हिसाब से सीधे कंपनियों से वैक्सीन की खरीद कर सकती हैं. इसके अलावा राज्य सरकार ने एक बात और साफ कही है कि पहले से तय प्राथमिकता समूह के लोगों का वैक्सीनेशन जारी रहेगा. फिलहाल 45 साल से अधिक आयु के लोगों को सरकारी केंद्रों और निजी अस्पतालों में टीका लग रहा है.

Jetline

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