दिल्ली : कार्यालय संवाददाता
केंद्र सरकार ने कोरोना टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाने के लिए सरकारी एवं निजी कार्यालयों में भी टीकाकरण केंद्र स्थापित करने का फैसला किया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया है. किसी भी कार्यस्थल पर 100 पात्र लाभार्थी होने पर वहीं कोविड वैक्सीनेशन सेंटर अब बनाया जाएगा. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इसे 11 अप्रैल को लॉन्च करने के निर्देश दिए गए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि राज्यों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों एवं प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) को भेजे पत्र में कहा गया है कि राज्य टीकाकरण को बढ़ाने के लिए 11 अप्रैल से सरकारी एवं निजी कार्यालयों में केंद्र स्थापित शुरू कर सकते हैं. पत्र के साथ एक विस्तृत नियमावली भी भेजी गई है, जिसमें कहा गया है कि किसी सरकारी एवं निजी कार्यालय में तभी कोरोना वैक्सीन केंद्र बनाया जा सकता है जब वहां कम से कम 100 कार्मिक टीका लगाने के योग्य हों. यानी वह 45 साल से अधिक उम्र के हों.
बाहर के किसी व्यक्ति को टीका लगाने की अनुमति नहीं मिलेगी
आमतौर पर 45-59 आयु वर्ग के लोगों को इसमें टीका लगेगा, लेकिन कई सेवाओं में 65 साल तक के लोग भी कार्यरत होते हैं, इसलिए जो कर्मचारी वहां है, उन्हें टीका लगाया जा सकेगा. कर्मचारियों के परिजनों या बाहर के किसी व्यक्ति को ऐसे केंद्रों पर टीका नहीं लगाया जाएगा. दिशा-निर्देश के मुताबिक जिलाधिकारी या शहरी निकायों के प्रमुख की अध्यक्षता में बनी टास्क फोर्स ऐसे केंद्रों को मंजूरी देगी.
टीकाकरण केंद्र की मंजूरी के लिए मानक
संबंधित कार्यालय को एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी, जो पंजीकरण एवं अन्य जरूरी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा. किसी केंद्र को तभी मंजूरी दी जाएगी, जब उस आफिस के 50 लोग पहले ही कोविन पर पंजीकरण करा चुके हों. केंद्र बनाने की तैयारी 15 दिन पहले करनी होगी. सरकारी या निजी दफ्तरों में चलने वाले इन केंद्रों को नजदीकी अस्पताल के टीकाकरण केंद्र से संबद्ध कराया जाएगा और वहीं से टीकाकर्मियों की टीम आएगी. इन केंद्रों पर टीकाकरण के बाकी सभी नियम वही रहेंगे जो अभी अन्य केंद्रों पर लागू हैं, इससे कर्मचारी अनावश्यक यात्रा से बचेंगे, साथ ही टीके की बर्बादी को भी रोका जा सकेगा.