Vaccine नहीं लेने वालों के लिए खतरनाक है ओमिक्रॉन वैरिएंट, मुंबई में ऑक्सीजन बेड पर भर्ती 96% मरीज नहीं हैं वैक्सिनेटेड

Corona Omicron Varient dangerous for Non-vaccinated People

न्यूज़ डेस्क :

देश में कोरोना वायरस की रफ्तार बेकाबू हो रही है और कोरोना के वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले 24 घंटों में कोरोना के एक लाख 41 हजार 986 नए केस सामने आए हैं, जिसमें ओमिक्रोन वेरिएंट के 3071 मामले हैं. अभी तक कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट को हल्का माना जा रहा है, क्योंकि बीते साल डेल्टा वेरिएंट की तुलना में यह कम जानलेवा है, लेकिन अगर किसी ने कोरोना का वैक्सीन नहीं लिया है तो उसके ओमिक्रॉन भी खतरनाक हो सकता है. मुंबई से मिले अस्पतालों के आंकड़ों मुताबिक ऑक्सीजन बेड पर भर्ती 1900 कोरोना मरीजों में से 96 प्रतिशत ऐसे हैं, जिन्होंने वैक्सीन नहीं लिया था.

बीएमसी कमिश्नर इकबाल चहल ने छह जनवरी तक के आंकड़ों को देखते हुए कहा कि ऑक्सीजन बेड पर भर्ती 1900 कोरोना मरीजों में से 96 प्रतिशत ऐसे हैं, जिन्होंने वैक्सीन नहीं लिया जबकि सिर्फ 4 फीसदी ही वैक्सिनेटेड हैं. मुम्बई के प्राइवेट अस्पतालों के कोऑर्डिनेटर डॉक्टर गौतम भंसाली ने कहा कि ऑक्सीजन बेड पर अधिकांश वही मरीज हैं, जो 40 से 50 साल के बीच या उससे ज्यादा हैं और कोरोना का वैक्सीन नहीं लिया है. डॉक्टरों के मुताबिक़ वैक्सीन लेने वालों को कोरोना संक्रमण होता भी है तो हल्का असर होता है और अस्पताल में जाने या फिर मौत का खतरा बेहद कम होता है, यही कारण है कि भारत में कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा कम हो गया है, भले ही संक्रमण दर बढ़ गया है.

अबतक 150 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन लगाई गईं

अभी तक कोरोना वायरस रोधी वैक्सीन की 150 करोड़ से ज्यादा खुराक दी जा चुकी हैं. कल 90 लाख 59 हजार 360 डोज़ दी गईं, जिसके बाद अबतक वैक्सीन की 150 करोड़ 61 लाख 92 हजार 903 डोज़ दी जा चुकी हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में 91 फीसदी से अधिक वयस्क जनसंख्या को टीकों की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है, जबकि 66 फीसदी आबादी को दोनों वैक्सीन दी गई है. 15-17 आयु वर्ग के 22 फीसदी किशोरों को पहली खुराक लग गयी है. बता दें कि इस आयुवर्ग के लाभार्थियों के लिए तीन जनवरी को कोविड-19 रोधी टीकाकरण शुरू किया गया था.

Jetline

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