न्यूज डेस्क
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने बंदी जवान को रिहा कर दिया है. सामाजिक कार्यकर्ता धर्मपाल सैनी के साथ नक्सलियों ने जवान को छोड़ा. हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. छ्त्तीसगढ के बीजापुर में नक्सली हमले के दौरान 3 अप्रैल को सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के जवान राजेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियो ने बंदी बना लिया था, जिनको आज नक्सलियो द्वारा रिहा करने की खबर आ रही है. कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मनहास जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं.
गांधीवादी और सामाजिक कार्यकर्ता धर्मपाल सैनी की मध्यस्थता बाद नक्सलियों ने सैनी के साथ जवान को छोड़ा. जवान सामाजिक कार्यकर्ता धर्मपाल सैनी के साथ सीआरपीएफ के बीजापुर तररेम कैम्प पहोच चुका है, जहाँ उसका इलाज जारी है. जवान के परिजनों ने रिहाई की अपील की थी. कोबरा कमांडो राकेश्वर की पत्नी मीनू का कहना था कि छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलियों की जो भी डिमांड है, उसे पूरा करे और पति की रिहा कराए. जवान की पत्नी ने पीएम मोदी से अपील की थी कि जिस तरह पाकिस्तान से अभिनंदन को छुड़ाया था, उसी तरह मेरे पति को भी नक्सलियों के कब्जे से छुड़ाकर लाएं. बंधक जवान की बेटी ने अपील की थी कि “नक्सल अंकल प्लीज मेरे पापा को छोड़ दीजिए.”
छत्तीसगढ़ में 3 अप्रैल को नक्सली हमला हुआ था
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में तीन अप्रैल की सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक नक्सलियों और सुरक्षा बल के बीच मुठभेड़ हुई और इस मुठभेड़ में हमारे 22 जवान शहीद हो गए. केंद्रीय रिज़र्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने कहा है कि “ऑपरेशन में किसी तरह की इंटेलीजेंस चूक नहीं हुई है. बीजापुर मुठभेड़ में 25-30 नक्सली मारे गए हैं.”
छत्तीसगढ़ हमले का मास्टरमाइंड
माडवी हिडमा की उम्र 40 साल है और वो पिछले लगभग 25 वर्षों से छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में सक्रिय है. वो सीपीआई माओवादी की 21 सदस्यीय सेंट्रल कमेटी भी हिस्सा है. हिडमा को बड़े और खतरनाक हमलों के लिए जाना जाता है और ये नक्सली जिस पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की बटालियन वन का प्रमुख है,