नई दिल्ली।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रमों को हर रविवार को दूरदर्शन के चैनल डीडी भारती पर देखा जा सकता है। यह अनूठी प्रस्तुति एक महत्वपूर्ण पहल है। इस तरह की कोशिश संभवतः पहले नहीं हुई है, जहां पर सरकार की एक संस्था प्रोफेशनल तरीके से कामों को जनता के सामने पेश करे।
आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी का लक्ष्य इस साप्ताहिक सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से भारत की समृद्ध संस्कृति के विभिन्न आयामों को प्रदर्शित करना है। उन्होंने कहा, “भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और विविधता अद्वितीय है और इसे जीवित रखने और जन-जन तक पहुंचाने के लिए दूरदर्शन पर यह साप्ताहिक सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। हमने प्रसार भारती के साथ सहयोग किया है, और साप्ताहिक टीवी कार्यक्रम प्रस्तुत करने में दर्शकों की अपेक्षाओं को पूरा करने की अपनी चुनौतियां होती हैं। हमें सफलता की उम्मीद है। आईजीएनसीए का मीडिया सेंटर इस काम को अंजाम दे रहा है। इसका उद्देश्य हर हफ्ते भारत की कला, परम्पराओं और कहानियों के जीवंत धागों को जनता के सामने पेश करना है।”
पिछले 35 वर्षों में आईजीएनसीए ने देश के कला परिदृश्य में अग्रणी भूमिका निभाई है। देश के नए संसद भवन में कला दीर्घाओं में कलाकृतियों की स्थापना में आईजीएनसीए का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। हाल ही में संस्था ने जी-20 शिखर सम्मेलन में नटराज की प्रतिमा के निर्माण, सेनगोल की ऐतिहासिकता का मूल्यांकन और नए संसद भवन में इसे स्थापित करने के लिए तथ्यों के संग्रह में भी महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। आईजीएनसीए संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान के रूप में कार्य करता है। संस्था न केवल कला, मानविकी और संस्कृति से सम्बंधित नियमित अकादमिक कार्य करती है, बल्कि आधुनिक विज्ञान और कला और संस्कृति के बीच बौद्धिक अंतराल को पाटने के लिए कला और आधुनिक विज्ञान व प्रौद्योगिकी के बीच संवाद को भी बढ़ावा देती है। आईजीएनसीए का पुस्तकालय देश के शानदार पुस्तकालयों में से एक है, जिसमें तीन लाख से अधिक पुस्तकें हैं। इनमें प्रख्यात साहित्यकारों और कलाकारों के व्यक्तिगत संग्रह भी शामिल हैं। पिछले 35 वर्षों में संस्था ने अपने सभी महत्वपूर्ण कार्यों का ऑडियो-वीडियो दस्तावेज़ीकरण किया है। संस्थान के मीडिया सेंटर में लगभग 20,000 घंटे की रिकॉर्डिंग है, जिसमें प्रसिद्ध कलाकारों के प्रदर्शन और अकादमिक चर्चाएं शामिल हैं।
भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और विविधता अद्वितीय है और इसे जीवित रखना अत्यंत आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए आईजीएनसीए दूरदर्शन के डीडी भारती चैनल पर साप्ताहिक फीचर “संस्कृति संवाद” जो हर रविवार दोपहर 1.00 बजे प्रसारित होगा और इसका पुनर्प्रसारण रविवार को ही रात 10.30 बजे होगा। आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने लोगों से अपील की है कि हर सप्ताह हमसे जुड़ें और भारत की कला, परम्पराओं और कहानियों के जीवंत ताने-बाने को जानें। आइए, इस कार्यक्रम के जरिये एक साथ मिलकर अपनी धरोहर का उत्सव मनाएं और इसे संजोएं, भारत की महान सांस्कृतिक यात्रा का हिस्सा बनें!