कांग्रेस के बागी G-21 गुट के नेताओं का एलान, ‘पार्टी नहीं छोड़ेंगे, भले ही निकाल दिया जाए ‘

Congress party conflicts

दिल्ली : वरिष्ठ संवाददाता

पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी तरह हार के बाद पार्टी में विरोधी सुर तेज हो गए हैं. पार्टी के G-21 गुट के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने तो सोमवार को यहां तक कहा कि गांधी परिवार को अब साईड होकर दूसरे नेताओं को आगे लाना चाहिए, ‘घर की कांग्रेस’ की जगह ‘सबकी कांग्रेस’ होनी चाहिए.

बता दें कि बुधवार की देर शाम G-21 गुट के नेताओं की बैठक गुलाम नबी आजाद के घर पर हुई, जिसमें कहा गया कि बीजेपी को चुनौती देने के लिए समान विचार धारा वाली पार्टियों से हाथ मिलाकर कांग्रेस को मजबूत होना चाहिए. विधान सभा चुनाव परिणाम के बाद G-21 गुट की यह दूसरी बैठक हुई है. आपको बता दें कि सिब्बल के बयान के बाद से ही गांधी परिवार के समर्थक नेता उनका पुरजोर विरोध कर रहे हैं, लेकिन G-21 गुट के नेताओं ने साफ के दिया कि वे तब तक पार्टी नहीं छोड़ेंगे, जब तक उन्हें निकाल नहीं दिया जाए.

कांग्रेस के 18 बागी नेताओं बयान

इस बैठक के बाद कांग्रेस के 18 नेताओं बयान जारी किया है, जिनके नाम हैं – कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, शशि थरूर, मणिशंकर अय्यर, मनीष तिवारी, संदीप दीक्षित, शंकर सिंह बघेला, अखिलेश प्रताप सिंह, विवेक तन्खा, पृथ्वी राज चौहान, एम. ए. खान, कुलदीप शर्मा, प्रेणित कौर, आनंद शर्मा, राज बब्बर, पी. जे. कुरियन, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राजिंदर कौर भट्टल.

पांच राज्यों की हार के बाद संगठनात्मक परिवर्तन होगा

पांच राज्यों की हार के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने राज्यों में स्थिति की समीक्षा और संगठनात्मक परिवर्तन की जिम्मेदारी पांच बड़े नेताओं को दी है. पार्टी ने अजय माकन को पंजाब, जितेंद्र सिंह को उत्तर प्रदेश, अविनाश पांडेय को उत्तराखण्ड, रजनी पाटिल को गोवा और जयराम रमेश को को मणिपुर का जिम्मा दिया है.

Jetline

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *