बिहार की हार से सीख : कांग्रेस पश्चिम बंगाल में लेफ्ट पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी

न्यूज डेस्क

कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव से सीख लेते हुए पश्चिम बंगाल में फूंक – फूंक कर कदम रख रही है. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बिहार की गलतियां नहीं दोहराना चाहती है. कांग्रेस लेफ्ट पार्टियों के साथ गठबंधन में अधिक से अधिक सीट पर चुनाव लड़ने के बजाए पार्टी मजबूत सीट पर दांव लगाएगी, जिससे पिछले विधानसभा चुनाव से बेहतर प्रदर्शन किया जा सके. 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने गठबंधन में 92 सीट पर चुनाव लड़कर 44 सीट हासिल की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और लेफ्ट का गठबंधन टूट गया था.

पश्चिम बंगाल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि लेफ्ट के साथ सीट बंटवारे में संख्या के बजाए मजबूत सीट पर चुनाव लड़ना है. पिछली बार पार्टी ने 92 सीट पर चुनाव लड़ा था. विधानसभा और लोकसभा में प्रदर्शन के आधार पर कांग्रेस अधिक सीट लड़ सकती है. बिहार की तरह गठबंधन में ऐसी सीट नहीं ली जाएगी, जिस पर कभी जीत नहीं हुई हो.

हाल के बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीट पर चुनाव लडकर सिर्फ 19 सीट जीती थी. सीट की संख्या बढाने के लिए पार्टी ने कई ऐसी सीटों चुनाव लड़ा था, जिन पर पिछले कई चुनावों में उसका प्रदर्शन बेहद खराब रहा था. गठबंधन में लेफ्ट पार्टियों को साथ रखने के लिए कांग्रेस ने अपनी कई जीती हुई सीट छोड़ दी थी. कांग्रेस को एआईएमआईएम के चुनाव लड़ने की वजह से भी कई सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था और पार्टी 19 पर ठहर गई थी.

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने लेफ्ट के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी, अब्दुल मन्नान, प्रदीप भट्टाचार्य और नेपाल मेहतों की एक समिति गठित की है, जो लेफ्ट पार्टियों के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत कर रही है. सीट बंटवारे के साथ दोनों पार्टियां आगे संयुक्त साझा कार्यक्रम और चुनाव कार्यक्रम पर भी चर्चा कर रहे हैं. पार्टी नेताओं का कहना है कि हमारी कोशिश है कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन चुनाव में विकल्प के तौर पर उभरे और पश्चिम बंगाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए.

गौरतलब है कि पिछले 2016 के विधानसभा चुनाव कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन ने मिलकर लड़ा था. इस चुनाव में कांग्रेस ने 92 सीट पर चुनाव लड़कर 44 सीट और लेफ्ट ने 148 सीट पर चुनाव लडकर 26 सीट हासिल की थी. हालांकि, कांग्रेस के मुकाबले लेफ्ट को करीब सात फीसदी वोट ज्यादा मिले थे. इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों का यह गठबंधन टूट गया था. इस चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ दो सीट मिली, जबकि लेफ्ट कोई सीट नहीं जीत पाई थी. चुनावों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस और लेफ्ट ने एक बार फिर गठबंधन किया है. कांग्रेस के पश्चिम बंगाल प्रभारी जितिन प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी. लेफ्ट के साथ सीट बंटवारे और आगे के कार्यक्रम तय कर, पश्चिम बंगाल में यह गठबंधन एक विकल्प के रुप में उभरेगा.

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