नई दिल्ली : डॉ. निशा सिंह
2024 से पहले बीजेपी अपनी ताकत दिखाएगी. इसी एजेंडा को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में NDA के घटक दलों की बैठक 18 जुलाई को दिल्ली में होगी. इसमें एनडीए के सभी सहयोगी दलों को बुलाया गया है. इस बैठक में NDA के कुनबे को बढ़ाने पर जोर दिया जायेगा. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव -2024 के लिए NDA में और भी घटक दलों को जोड़ने के लिए प्रयास शुरू किया है. सूत्रों के अनुसार आगामी 18 जुलाई को शाम 5 बजे नई दिल्ली स्थित होटल अशोक में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में एनडीए की बैठक होगी. संसद का मानसून सत्र भी 20 जुलाई से शुरू हो रहा है. मानसून सत्र में लोकसभा चुनाव के पहले विपक्ष अपनी एकजुट होने के लिए कई मुद्दे पर सरकार को घेरेगी.
इस बैठक के जरिए बीजेपी विपक्ष को अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करेगी. बिहार के छोटे दलों को भी इस बैठक में शामिल होने का न्योता दिया गया है. लोजपा (रामविलास) चिराग पासवान, हम के जीतन राम मांझी , उपेंद्र कुशवाहा , मुकेश साहनी भी इस बैठक में शामिल होंगे. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पत्र लिखकर चिराग पासवान को निमंत्रित किया है. पिछले महीने नीतीश कुमार का साथ छोड़कर आने वाली जीतन राम मांझी की हम पार्टी और चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को भी बैठक की न्योता भेजा गया है. विपक्ष की पटना बैठक में जीतन राम मांझी को नीतीश कुमार ने नहीं बुलाया था. इसका नतीजा ये रहा कि महागठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेकर जीतन राम मांझी, बीजेपी के पक्ष में आ गए और अब एनडीए का हिस्सा बन चुके है.
आपको बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 23 जून को पटना से विपक्ष ने 2024 के लिए चुनावी शंखनाद किया था. नीतीश ने पटना में गैर भाजपा विरोधी दलों को बुलाया था. अब विपक्षी दलों की आगामी बैठक 17 और 18 जुलाई को होने जा रही है. विपक्ष को काउंटर के लिए अब बीजेपी 18 जुलाई को एनडीए की बैठक करने जा रही है. इस बैठक में इस गठबंधन में जुड़ने जा रहे नए दल भी शिरकत करेंगे. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में अकाली दल और चंद्रबाबू नायडु भी शिरकत कर सकतें हैं. दोनों पहले एनडीए का हिस्सा रह चुके हैं. इधर उत्तरप्रदेश में गठबंधन को मजबूत करने के लिए रविवार यानी आज ओमप्रकाश राजभर की पार्टी को शामिल कर लिया गया है.
बिहार में सत्तासीन महागठबंधन के लिए मुसीबत बने बिहार के तीन दल एनडीए में रहकर लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमायेंगे. जीतन राम मांझी के बाद अब चिराग पासवान की बारी है. मौका लगते ही विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी भी इसी रास्ते पर बढ़ेंगे. इसका संकेत मिल चुका है. कुछ दिनों पहले जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान को विशेष सुरक्षा यानी Z श्रेणी मुहैया करायी गयी है. सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस माह संभावित विस्तार में चिराग की जगह पक्की हो गई है, अब सिर्फ मंत्रालय का फाइनल होना बाकी है. इससे पहले सीटों को लेकर लोजपा के दोनों टुकड़ों (चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस) को साथ मिलना है. रामविलास पासवान के निधन के बाद 14 जून 2021 को बिहार एलजेपी में बड़ी फूट पड़ी थी, पांच सांसदों ने चिराग पासवान का साथ छोड़ दिया था. इनमें चाचा पासुपति पारस पासवान, प्रिंस राज (चचेरे भाई), चंदन सिंह, वीणा देवी और महबूब अली केशर शामिल हैं. बिहार में एनडीए गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने वाली लोजपा को बिहार विधानसभा में केवल एक ही सीट मिली थी. बाद में लोजपा विधायक राज कुमार सिंह जेडीयू में शामिल हो गए थे. अब लोजपा का बिहार विधानसभा या विधान परिषद में कोई विधायक नहीं है.
बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई को विपक्षी की बैठक में सोनिया गांधी, खरगे, नीतीश, ममता, पवार, अखिलेश होंगे शामिल
विपक्षी दलों की दूसरी बैठक 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में होने जा रही है. 17 जुलाई की शाम को सोनिया गांधी सभी विपक्षी पार्टियों को डिनर पर बुलाएंगी तो 18 को हैं में इनकी बैठक होगी. यह बैठक कर्नाटक के बेंगलुरु में कांग्रेस द्वारा बुलाई जा रही दूसरी विपक्षी एकता की बैठक है. माना जा रहा है कि इस बैठक में करीब 24 राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता शामिल होंगे. 18 जुलाई को सभी दल बेंगलुरु में एकजुट होंगे. विपक्षी दलों की पहली बैठक 23 जून को पटना में हुई थी, जिसमें 15 से ज्यादा दलों ने हिस्सा लिया था. इस बार की बैठक में आठ नई पार्टियों ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ एकजुट होने के लिए विपक्षी मोर्चा में आने वाले है. बिहार के पटना में पिछले महीने की मेगा विपक्षी बैठक के बाद 24 राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता बेंगलुरु में होने वाली दूसरी बैठक में भाग लेंगे. इनमें मरूमलारची द्रविड़, मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके), कोंगु देसा मक्कल काची (केडीएमके), विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), केरल कांग्रेस (जोसेफ)और केरल कांग्रेस (मणि) उन नए राजनीतिक दलों में से हैं, जो बैठक में शामिल होंगे. इस बैठक में शामिल दलों में केडीएमके और एमडीएमके 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा के सहयोगी थे, लेकिन अब विपक्षी दलों का हिस्सा है.