दिल्ली: वरिष्ठ संवाददाता
कोरोना के खतरे को देखते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने छठ पूजा को सार्वजनिक स्थानों पर मनाने की रोक लगा दी है. दिल्ली सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि छठ पूजा किसी भी पब्लिक प्लेस, सार्वजनिक मैदान, नदियों के किनारे, मंदिर आदि जगहों पर नहीं मना सकते हैं. इसके लिए बकायदा दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने नोटिस जारी किया है. डीडीएमए ने छठ पूजा पर रोक काेरोना को फैलने से रोकने के लिए लगाई है. पिछले साल की तरह इस साल भी केजरीवाल सरकार ने इसे घर पर मनाने के लिए कहा है ताकि संक्रमण ना फैले. छठ बिहार एवं यूपी के लोगों के द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध पर्व है. यह चार दिनों तक चलता है, जिसमें भगवान सूर्य की पूजा की जाती है. यह ऐसा पर्व है जिसमें उगते और अस्त होते दोनों सूर्य की पूजा की जाती है.
रामलीला आयोजन के लिए कड़ी शर्तें रखी गई है
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने दिल्ली में रामलीला आयोजन लंबे समय से चले आ रहे संशय को खत्म कर दिया है. डीडीएमए ने इसको लेकर आदेश जारी है, जिसमें रामलीला आयोजन के लिए कड़ी शर्तें रखी गई हैं. डीडीएमए ने लोगों से घरों में ही पूजा करने की अपील की है. इसके साथ ही त्योहारी सीज़न में मेले, फ़ूड स्टाल, झूला, रैली, जूलूस आदि की अनुमति भी नहीं होगी. DDMA का यह आदेश 15 नवम्बर तक लागू रहेगा. कोरोना को लेकर सरकार किसी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है कि भीड़ बढ़े या फिर संक्रमण का खतरा बढ़े, इसलिए सरकार ने इस तरह के सामूहिक आयोजन पर रोक लगा रखी है.
केजरीवाल सरकार से बिहार और यूपी के लोग नाराज
बता दें कि पिछले साल भी केजरीवाल सरकार ने कोरोना को लेकर छठ पूजा के सार्वजनिक आयोजन पर रोक लगा दी थी, लेकिन इस साल बिहार और यूपी के लोगों में केजरीवाल सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है. सरकार का कहना है कि दिल्ली में कोरोना वायरस नियंत्रित है, इसलिए बाज़ार, मॉल, जिम, ऑफिस, सिनेमा हॉल, स्कूल, कॉलेज, आदि सभी कुछ खुल चुके हैं. दूसरी तरफ लोगों का मानना है कि सरकार खास वर्ग के लोगों के आस्था पर चोट कर रही है. इस त्योहार में तो साफ-सफाई और दूरी यानी किसी चीज को न छूने का विशेष नियम होता है, फिर इससे वायरस कैसे फैल सकता है.